हम सभी ने पुनर्जन्म के बारे में जरूर सुना ही होगा. वहीं शास्त्रों के अनुसार जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है. चाहे फिर वो मनुष्य हो, पशु हो, पक्षी हो सभी की मृत्यु होनी है. वहीं मृत्यु के बाद हमने अक्सर पुनर्जन्म के बारे में बताया गया है. इसके पीछे ना केवल अध्यात्मिक बल्कि वैज्ञानिक कारण भी छिपे हुए है. वहीं हिंदू धर्म के अनुसार सभी जीवों में आत्मा निवास करती है, जिसे परमात्मा का अंश माना जाता है. वहीं आइए आपको पुनर्जन्म के बारे में कुछ बताते है.
इन धर्मों में भी माना जाता है पुनर्जन्म
पुनर्जन्म के बारे में ना सिर्फ हिंदू धर्म में बल्कि बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म में भी पुनर्जन्म के बारे में बताया गया है. इसके साथ-साथ मिस्र और ग्रीक की प्राचीन संस्कृतियां भी पुनर्जन्म के सिद्धांत पर विश्वास करती थीं. वहीं कई वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा भी इस पर शोध किया गया है और उन्होंने यह पाया था कि लगभग 20% वयस्क पुनर्जन्म पर विश्वास दिखाते हैं.
इन कारणों से होता है पुनर्जन्म
बदला लेना
कई इंसान ऐसे होते हैं जिसके साथ जीवन में बहुत अन्याय हुआ हो और इस कारण उसकी मृत्यु हो गई हो तो ऐसे में उस इंसान का बदला लेने के लिए पुनर्जन्म होता है.
अकाल मृत्यु
कई बार दुर्घटना, हादसा या फिर किसी कारण अकाल मृत्यु हो जाती है तो ऐसे व्यक्ति की कुछ इच्छाएं अधूरी रह जाती है. इच्छाओं को पूरा करने के लिए मृत्यु के बाद आत्माओं का भी पुनर्जन्म होता है.
पाप का भोगी
ऐसे व्यक्ति जिसने अपने जीवन में कई पाप और अन्याय किए हो उसकी भी आत्मा को मृ्त्यु के बाद वापस धरतीलोक पर भेज दिया जाता है, जिससे कि वह धरती पर अपने पापकर्मों के कष्टों को झेल सके.
पुण्य कर्म
जो व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा पुण्य कर्म करता है, मृत्यु के बाद उसकी आत्मा का भी पुनर्जन्म होता है. ऐसी आत्माएं पुण्य फल को भोगने के लिए जन्म लेती हैं.
अधूरी साधना
किसी व्यक्ति की मृत्यु बहुत जल्दी हो जाती है. ऐसे में उसकी कुछ तपस्या, साधना या इच्छाएं अधूरी रह जाती है. इन्हें पूरा करने के लिए भी मरने के बाद ऐसी आत्माओं का पुनर्जन्म होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)