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दशहरा स्पेशल: पूरी सेना के साथ वशिष्ठ से हारे थे विश्वामित्र, फिर कठोर तप से बने ब्रह्मर्षि

महर्षि विश्वामित्र इतिहास के सबसे बड़े ऋषियों में से एक हैं। रामायण में श्री राम के शिक्षा-दीक्षा के बाद इन्होंने ही उन्हें शस्त्रों की शिक्षा दी थी। इतना ही नहीं विश्वामित्र के साथ ही राम मिथिला गए थे जहां पर उन्होंने सीता के स्वयंवर में हिस्सा लिया और सीता से विवाह किया था।

Updated on: 23 Sep 2017, 10:26 AM

नई दिल्ली:

महर्षि विश्वामित्र इतिहास के सबसे बड़े ऋषियों में से एक हैं। रामायण में श्री राम के शिक्षा-दीक्षा के बाद इन्होंने ही उन्हें शस्त्रों की शिक्षा दी थी। इतना ही नहीं विश्वामित्र के साथ ही राम मिथिला गए थे जहां पर उन्होंने सीता के स्वयंवर में हिस्सा लिया और सीता से विवाह किया था।

बता दें कि विश्वामित्र इतिहास के उन 24 गुरुओं में से एक हैं जिन्होंने गायत्री मंत्र को समझ पाया था। विश्वामित्र गायत्री मंत्र के रचनाकार और इसे समझने वाले पहले ऋषि माने जाते हैं। इन्हें अपने हठ तप के बल पर ऊंकार का ज्ञान प्राप्त हुआ था।

बता दें कि विश्वामित्र बचपन से ही एक क्षत्रिय राजा कौशिक थे। लेकिन, इन्होंने अपने कठिन तप के बल पर ब्रह्मर्षि की पधवी प्राप्त की।

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राजा कौशिश एक शक्तिशाली राजा थे, एक बार ये अपनी सेना के साथ जंगल में गए। यहां पर ऋषि वशिष्ठ ने उनके साथ पूरी सेना को भोजन कराया था। राजा ये देखकर चौंक गए कि एक ऋषि ने पूरी सेना को इतने स्वादिष्ट पकवान कैसे खिला दिए।

राजा ने ऋषि से पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरे पास कामधेनु गाय की बछड़ी है। जो खुद इंद्र ने दी है। उसकी बदौलत ही यह सब संभव होता है। इस पर राजा ने ऋषि से गाय मांग ली। ऋषि ने गाय देने से साफ इनकार कर दिया।

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राजा ने बल पूर्वक गाय लेनी चाही लेकिन उस गाय ने राजा को पूरी सेना के साथ परास्त कर दिया। इस पर राजा ने गुस्से में जाकर तप किया और अपने पुत्र का सभी राजपाठ सौंप दिया। जब उन्होंने तप से युद्ध विद्या सीखी तो आकर उन्होंने फिर वशिष्ठ पर हमला कर दिया। लेकिन वह फिर हार गए।

इसके बाद वह समझ जाते हैं कि किसी क्षत्रिय की बाहरी ताकत से कहीं ज्यादा किसी ब्राह्मण की योग शक्ति होती है। इसके बाद उन्होंने कठोर तप किया और ब्रह्मर्षि बने।