Gita Jayanti 2025: आज है गीता जयंती? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और धार्मिक महत्व

Gita Jayanti 2025: मीर्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी के दिन यानी आज 1 दिसंबर को गीता जयंती मनाई जा रही है. आज ही के दिन श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि में महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था.

Gita Jayanti 2025: मीर्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी के दिन यानी आज 1 दिसंबर को गीता जयंती मनाई जा रही है. आज ही के दिन श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि में महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था.

author-image
Akansha Thakur
New Update
Gita Jayanti 2025 (1)

Gita Jayanti 2025

Gita Jayanti 2025: हिंदू धर्म में आस्था और आध्यात्मिक शक्ति के महान प्रतीक श्रीमद्भगवद्गीता के प्रकट दिवस के रूप में मनाई जाने वाली गीता जयंती का पर्व आज सोमवार याानी 1 दिसंबर 2025 को मनाया जा रहा है. यह पावन अवसर मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, को मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी शुभ तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के रणक्षेत्र में अर्जुन को गीता का दिव्य और अमर ज्ञान दिया था, जो आज भी संपूर्ण मानवता के लिए जीवन का मार्गदर्शन करने वाला ग्रंथ माना जाता है.

Advertisment

धार्मिक विश्वासों के अनुसार, जिस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के संशय दूर करते हुए धर्म, कर्म और भक्ति का सार समझाया था, वही दिन गीता जयंती के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है. यह हिंदू धर्म का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती विधिवत उत्सव के रूप में मनाई जाती है. इस दिन देशभर के मंदिरों, तीर्थस्थलों और घरो में विशेष पूजा-अर्चना और गीता के श्लोकों का पाठ किया जाता है.

गीता जयंती 2025 तिथि और मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 30 नवंबर को रात 09:30 पर प्रारंभ होकर 1 दिसंबर को शाम 07:02 पर समाप्त होगी. उदयातिथि के नियम के अनुसार, गीता जयंती का उत्सव आज यानी 1 दिसंबर को ही मान्य रहेगा. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने और गीता पाठ का अत्यंत महत्व है.

गीता जयंती 2025 पूजा विधि

गीता जयंती की पूजा विधि अत्यंत सरल और घर में ही की जा सकती है. प्रातःकाल स्नान के बाद साफ और पवित्र वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल पर श्रीकृष्ण की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर गंगाजल छिड़कें. घी का दीप प्रज्वलित करें, तिलक, पुष्प, तुलसीदल, मिठाई, नैवेद्य आदि समर्पित करें. इसके साथ ही श्रीमद्भगवद्गीता की पुस्तक को भी स्वच्छ कपड़े पर रखकर श्रद्धा के साथ पूजन करें. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति संपूर्ण गीता पाठ नहीं कर सकता, तो वह अध्याय 12 (भक्ति योग) या अध्याय 15 का पाठ अवश्य करे. पूजा के बाद श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे मन, बुद्धि और आत्मा को शांति प्राप्त होती है.

इन मंत्रों का जाप करें

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ श्रीकृष्णाय नमः
ॐ देवकीनन्दनाय विद्यमहै, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो कृष्णः प्रचोदयात
क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः

गीता जयंती का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यता है कि गीता जयंती के दिन मंत्रजाप और गीता अध्ययन करने से जीवन की समस्याओं का समाधान मिलता है, मनोबल बढ़ता है और मोक्ष की प्राप्ति के द्वार खुलते हैं. इसलिए इस दिन श्रद्धा, समर्पण और भक्ति के साथ पूजा करने का विशेष महत्व है.

यह भी पढ़ें: Gita Jayanti 2025: कब है गीता जयंती? नोट कर लें तिथि, पूजन विधि और इस दिन का धार्मिक महत्व

gita jayanti 2025 gita jayanti 2025 Date gita jayanti 2025 puja vidhi gita jayanti 2025 shubh muhurt Gita Jayanti Date And Muhurat
Advertisment