logo-image

Yogini Ekadashi 2022 Katha: योगिनी एकादशी की चमत्कारी व्रत कथा में छिपा है भगवान विष्णु का अक्षय पात्र, सुनने मात्र से दूर हो जाता है किसी भी प्रकार का रोग

Yogini Ekadashi 2022 Katha: आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी पापों के प्रायश्चित के लिए विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन श्री हरि के ध्यान, भजन और कीर्तन से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है.

Updated on: 23 Jun 2022, 11:45 AM

नई दिल्ली :

Yogini Ekadashi 2022 Katha: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. हर महीने दो बार एकादशी आती है- एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष. आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है और समस्त पापों से मुक्ति मिलती है. इस साल योगिनी एकादशी 24 जून 2022 को मनाई जाएगी. यह एकादशी पापों के प्रायश्चित के लिए विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है. योगिनी एकादशी के दिन उपवास रखने और साधना करने से समस्याओं का अंत हो जाता है. इस एकादशी की कथा भी अत्यंत चमत्कारी और लाभदायक मानी गई है.

यह भी पढ़ें: Yogini Ekadashi 2022 Vrat Niyam: योगिनी एकादशी के इन व्रत नियमों की अनदेखी कर देगी जीवन की खुशियों का विध्वंस, मरणहाल हो जाएगा आना वाला कल

योगिनी एकादशी की कथा 
योगिनी एकादशी व्रत कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को बताते हैं कि स्वर्गधाम की अलकापुरी नामक नगरी में कुबेर नाम का एक राजा रहता था. वह शिव भक्त था और प्रतिदिन शिव की पूजा किया करता था. हेम नाम का एक माली पूजन के लिए उसके यहां फूल लाया करता था. हेम की विशालाक्षी नाम की सुंदर स्त्री थी. एक दिन वह मानसरोवर से पुष्प तो ले आया लेकिन कामासक्त होने के कारण वह अपनी स्त्री से हास्य-विनोद तथा रमण करने लगा.

इधर राजा उसकी दोपहर तक राह देखता रहा. अंत में राजा कुबेर ने सेवकों को आज्ञा दी कि तुम लोग जाकर माली के न आने का कारण पता करो, क्योंकि वह अभी तक पुष्प लेकर नहीं आया. सेवकों ने कहा कि महाराज वह पापी अतिकामी है, अपनी स्त्री के साथ हास्य-विनोद और रमण कर रहा था. यह सुनकर कुबेर ने क्रोधित होकर उसे बुलाया. हेम माली राजा के भय से कांपता हुआ उपस्थित हुआ. राजा कुबेर ने क्रोध में आकर कहा- 'अरे पापी! नीच! कामी! तूने मेरे परम पूजनीय ईश्वरों के ईश्वर शिवजी महाराज का अनादर किया है, इस‍लिए मैं तुझे श्राप देता हूं कि तू स्त्री का वियोग सहेगा और मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी होगा.

यह भी पढ़ें: Yogini Ekadashi 2022 Daan According To Zodiac Signs: योगिनी एकादशी के दिन राशि अनुसार करेंगे इन चीजों का दान, शुभ फल होगा प्राप्त

कुबेर के श्राप से हेम माली का स्वर्ग से पतन हो गया और वह उसी क्षण पृथ्वी पर गिर गया. भूतल पर आते ही उसके शरीर में श्वेत कोढ़ हो गया. उसकी स्त्री भी उसी समय अंतर्ध्यान हो गई. मृत्युलोक में आकर माली ने महान दु:ख भोगे, भयानक जंगल में जाकर बिना अन्न और जल के भटकता रहा. विचरण करते हुए एक दिन वह मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में पहुंच गया. उसे देखकर मार्कण्डेय ऋषि बोले कि तुमने ऐसा कौन-सा पाप किया है, जिसके प्रभाव से यह हालत हो गई.

हेम माली ने सारा वृत्तांत कह सुनाया. यह सुनकर ऋषि बोले- निश्चित ही तूने मेरे सम्मुख सत्य वचन कहे हैं, इसलिए तेरे उद्धार के लिए मैं एक व्रत बताता हूं. यदि तू आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की योगिनी नामक एकादशी का विधिपूर्वक व्रत करेगा तो तेरे सब पाप नष्ट हो जाएंगे. हेम माली ने मुनि के कथनानुसार विधिपूर्वक योगिनी एकादशी का व्रत किया. इस व्रत के प्रभाव से अपने पुराने स्वरूप में आकर वह अपनी स्त्री के साथ सुखपूर्वक रहने लगा.