आज नवरात्र में मां दुर्गा के आठवें रूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि महागौरी अपने भक्तों को कष्टों से मुक्त करती हैं। उनकी उपासना मात्र से सभी पाप खत्म हो जाते हैं और अलौकिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
ऐसा है मां का स्वरूप
मां महागौरी के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ से अभय मुद्रा में हैं। तीसरे हाथ में डमरू और चौथा हाथ वर मुद्रा में है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से की गई है। महागौरी का वाहन वृषभ (बैल) है।
इस मंत्र का करें जाप
"या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।"
ऐसे करें पूजा
महागौरी की पूजा करने से पहले मां को चुनरी चढ़ाई जाती है और कुवांरी कन्याओं का पूजन होता है। कन्या पूजन के लिए पूरी, हलवा, खीर, सब्जी आदि बना लें। इसके बाद महागौरी को भोग लगाएं। कन्याओं को साफ कपड़े पर बिठाएं। उन्हें रोली का टीका लगाकर प्रसाद के रूप में बना खाना खिलाएं। फिर दक्षिणा में रुपए, चुनरी या कोई वस्तु उपहार में दें। नौ कन्याओं के साथ एक बालक को भी जरूर बैठाएं।
Source : News Nation Bureau