जिसका अंतिम संस्‍कार हो चुका, उसका पुतला दहन क्‍यों? सारस्वत ब्राह्मणों ने की रावण दहन रोकने की मांग

मथुरा में सारस्वत ब्राह्मण समुदाय ने रावण पुतला दहन को रोकने की मांग की है. यह समुदाय रावण के पुतले के दहन को रोकने के लिए वर्षों से मांग उठाता रहा है.

author-image
Sunil Mishra
New Update
Rawan Combustion

सारस्वत ब्राह्मणों ने की रावण दहन रोकने की मांग( Photo Credit : File Photo)

मथुरा में सारस्वत ब्राह्मण समुदाय ने रावण पुतला दहन को रोकने की मांग की है. यह समुदाय रावण के पुतले के दहन को रोकने के लिए वर्षों से मांग उठाता रहा है. लंकेश मंडल की अगुवाई करने वाले ओमवीर सारस्वत ने कहा, 'हिंदू धर्म उस व्यक्ति के पुतले के दहन की इजाजत नहीं देता है, जिसके पहले ही अंतिम संस्कार किया जा चुका है.' सारस्वत ने कहा, 'रावण का पुतला दहन ब्राह्मण हत्या के बराबर है. यहां तक कि भगवान राम ने भी रावण का वध करने के बाद, उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की थी. उन्होंने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को भी रावण से आशीर्वाद लेने भेजा था.' उन्होंने कहा कि इस प्रचलन को निश्चित ही रोका जाना चाहिए, क्योंकि समाज का एक भाग रावण का सम्मान करता है. 

Advertisment

दूसरी ओर कानपुर के एक मंदिर में इसी दिन लंकापति रावण की पूजा की जाती है. विजयदशमी के दिन कानपुर स्थित मंदिर के बाहर रावण भक्तों की कतार लगती है. करीब डेढ़ सौ साल पुराना यह मंदिर शिवाला क्षेत्र में है. इस मंदिर की खास बात यह है कि यह साल में केवल एक दिन भक्तों के लिए खुलता है. विजयदशमी वाले दिन भगवान राम रावण का वध करते हैं. ठीक उसी दिन यहां पूजा करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं.

भक्तों का मानना है कि भगवान राम ने जब रावण का वध किया था, तब उन्होंने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को रावण से आशीर्वाद लेने के लिए कहा था, क्योंकि रावण बहुत बड़े ज्ञानी थे. इसके अलावा ग्रेटर नोएडा से लगभग 10 किलोमीटर दूर बसा है रावण का गांव बिसरख. इस गांव में भी न तो रामलीला होती है, और न ही दशहरा के दिन रावण दहन. यहां के निवासी रावण को राक्षस नहीं बल्कि इस गांव का बेटा मानते हैं.

Source : IANS

सारस्‍वत ब्राह्मण Saraswat Brahmins Rawan Combustion मथुरा Rawan Dahan रावण दहन mathura
      
Advertisment