Shakambhari Jayanti 2025: हिंदू धर्म में मां शाकंभरी देवी माँ दुर्गा का अवतार माना जाता है. शाकंभरी पूर्णिमा पौष मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है और इसे देवी शाकंभरी की पूजा-अर्चना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है. मां शाकंभरी देवी को "शाकाहार की देवी" भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उन्होंने धरती पर जब भयंकर अकाल पड़ा था तब अपने भक्तों को सब्जियां और फल प्रदान कर उनकी रक्षा की थी. इसी कारण उन्हें शाकंभरी कहा जाता है. उनके स्वरूप को सौम्य और करुणामय माना जाता है.
शाकंभरी पूर्णिमा कब है?
पौष माह की पूर्णिमा तिथि को ही शाकंभरी पूर्णिमा भी मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि जनवरी 13, 2025 को सुबह 05 बजकर 03 मिनट पर शुरू हो रही है जो 14 जनवरी 2025 को देर रात 03 बजकर 56 मिनट तक रहेगी.
शाकंभरी पूर्णिमा का महत्व
शाकंभरी पूर्णिमा को मां शाकंभरी देवी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्हें फसल, सब्जियां, और अन्न की देवी माना जाता है. भक्त इस दिन उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व है. लोग गंगा, यमुना, या अन्य तीर्थ स्थलों पर जाकर स्नान करते हैं और जरूरतमंदों को दान करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि मां शाकंभरी की उपासना से अकाल, रोग, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से मुक्ति मिलती है. तो आप भी अगर मां शाकंभरी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इस दिन उनकी खास पूजा करें, देवी मां को भोग लगाएं और अगर व्रत रख रहे हैं तो विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)