Maha Kumbh History: महाकुंभ क्यों मनाया जाता है, जाने इसका इतिहास और धार्मिक महत्व

Maha Kumbh History: भारत में महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में किया जाता है, ये क्यों मनाते हैं, इसका इतिहास और धार्मिक महत्व क्या है आइए सब जानते हैं. | धर्म-कर्म

Maha Kumbh History: भारत में महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में किया जाता है, ये क्यों मनाते हैं, इसका इतिहास और धार्मिक महत्व क्या है आइए सब जानते हैं. | धर्म-कर्म

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Inna Khosla
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Maha Kumbh History

Maha Kumbh History

Maha Kumbh History: महाकुंभ का आयोजन हर 12 सालों में चार पवित्र तीर्थ स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में क्रमवार रूप से होता है. हर साल महा कुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु और संत-महात्मा गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं. मान्यता है कि इस पुण्य स्नान से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है. महा कुंभ के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. माना जाता है कि इस स्नान से जन्म-जन्मांतर के पाप समाप्त होते हैं और मोक्ष का मार्ग सुलभ होता है. इसके अलावा, यह पर्व धार्मिक सहिष्णुता, समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम है.

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महाकुंभ क्यों मनाया जाता है? (Why is Maha Kumbh Celebrated)

हिन्दू धर्म में महाकुंभ को अत्यधिक महत्व दिया जाता है, ये भारत का सबसे प्राचीन और धार्मिक मेला है.  महाकुंभ का आधार हिंदू धर्म की समुद्र मंथन कथा से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि देवताओं और असुरों द्वारा अमृत कलश के लिए किए गए मंथन में अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी के चार स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक में गिरी थीं. इस पौराणिक कथा के आधार पर इन स्थानों पर महाकुंभ (Maha Kumbh) का आयोजन किया जाता है.

महाकुंभ मेला धर्म, आस्था, और मोक्ष की प्राप्ति के उद्देश्य से मनाया जाता है. यह मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति के पिछले जन्मों के पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही महाकुंभ के दौरान अनेक संत, महात्मा, और साधु एकत्रित होते हैं जिनसे श्रद्धालु धर्म, ज्ञान और आध्यात्मिकता का मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं. महाकुंभ का यह आयोजन न केवल भारत में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अद्वितीय है और इसे देखने और अनुभव करने के लिए दुनियाभर से पर्यटक और शोधकर्ता आते हैं.

महाकुंभ का इतिहास क्या है ? (History Maha Kumbh)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है और जिसके बारे में पुराणों और शास्त्रों में पढ़ने को मिलता है. इसकी उत्पत्ति की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी है, जिसमें देवताओं और असुरों ने अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र का मंथन किया था. जब अमृत प्राप्त हुआ, तो देवताओं और असुरों के बीच इसे पाने के लिए संघर्ष हुआ. मान्यता है कि अमृत की कुछ बूंदें चार स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक – में गिर गईं, और इन्हीं स्थानों पर महाकुंभ (Maha Kumbh) का आयोजन किया जाने लगा. यह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है और सदियों से इसकी परंपरा चली आ रही है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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