Lord Ganesha: पहले क्यों की जाती है भगवान गणेश की पूजा, जानें नियम और पूजा विधि
Lord Ganesha: भगवान गणेश हिंदू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं. वे ज्ञान के प्रतीक, विज्ञान के प्रथम गुरु, और सर्वाधिक प्रसिद्ध और पूज्य देवता माने जाते हैं.
नई दिल्ली:
Lord Ganesha: भगवान गणेश हिंदू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं. वे ज्ञान के प्रतीक, विज्ञान के प्रथम गुरु, और सर्वाधिक प्रसिद्ध और पूज्य देवता माने जाते हैं. गणेश जी को विद्या, बुद्धि, और विज्ञान का प्रतीक माना जाता है. उन्हें हर काम के पहले पूजा जाता है, क्योंकि उन्हें "विघ्नहर्ता" कहा जाता है, अर्थात् जो हर किसी प्रकार की बाधा या अवरोध को हरते हैं. भगवान गणेश की पूजा और आराधना को शुरू करने से पहले लोग उन्हें प्रणाम करते हैं. गणेश जी की पूजा करने के कई तरीके हैं, जैसे कि ध्यान, मंत्रों का उच्चारण, आरती, प्रसाद का भोग, और पूजन सामग्री का अर्चन करना. गणेश चतुर्थी हर साल भारतीय लोगों द्वारा उत्साह से मनाई जाती है, जिसमें उनकी मूर्तियों को घरों में स्थापित किया जाता है और उन्हें पूजा जाता है. यह उत्सव आठ दिनों तक चलता है और लोग उत्साह से भगवान गणेश की पूजा करते हैं.
गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बाप्पा की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है, जिन्हें लोग पूजते हैं और आरती गाते हैं. इस दिन लोग बड़े उत्साह से पूजा करते हैं और भगवान गणेश को विभिन्न प्रकार के फल, मिठाई, और प्रसाद चढ़ाते हैं. इस उत्सव के दौरान समाज में खुशियां और उत्साह का माहौल होता है.
गणेश जी का बीज मंत्र
गणेश जी का बीज मंत्र है "ॐ गं गणपतये नम:. यह मंत्र गणेश जी को समर्पित है और उनकी पूजा और आराधना में उच्चारित किया जाता है. "ॐ" एक ब्रह्मान्ध, सर्वव्यापी, और उत्तम मंत्र है, जो समस्त देवताओं की उत्पत्ति का सिद्धांत है. "गं" गणेश जी का बीज मंत्र है और "गणपतये" उनके नाम का उत्तम समर्थन है. "नमः" का अर्थ है श्रद्धा सहित नमस्कार करना.
इस मंत्र को नियमित रूप से जप करने से भक्त को गणेश जी की कृपा, विज्ञान की बुद्धि, और समस्त कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. यह मंत्र समस्त अवस्थाओं में समृद्धि और समृद्धि का स्रोत माना जाता है.
गणेश पूजा को करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम और विधियाँ होती हैं, जिन्हें निम्नलिखित रूप में समझाया जा सकता है:
* शुभ मुहूर्त चयन: गणेश पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें, जैसे कि भोरे या सन्ध्या के समय.
* स्नान: पूजा के पहले भगवान गणेश को स्नान कराएं.
* पूजा स्थल: पूजा स्थल को पवित्र और साफ-सुथरा रखें.
* कलश स्थापना: एक कलश में पानी डालकर उसे गणेश जी की मूर्ति के सामने रखें.
* ध्यान और मंत्र जप: गणेश जी की मूर्ति के सामने ध्यान करें और मंत्र जप करें. "ॐ गं गणपतये नमः" या अन्य गणेश मंत्रों का जप करें.
* पूजा सामग्री: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री को तैयार करें, जैसे कि फल, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, और पानी.
* आरती: पूजा के अंत में गणेश जी को आरती करें.
* प्रसाद: गणेश जी को प्रसाद के रूप में मिठाई या फल चढ़ाएं और उसे सभी को वितरित करें.
* व्रत: कुछ लोग गणेश चतुर्थी पर व्रत रखते हैं, जिसमें विशेष आहार पर प्रतिबंध रखा जाता है.
ये थे कुछ महत्वपूर्ण नियम और विधियाँ जो गणेश पूजा के दौरान अनुसरण किए जा सकते हैं. इनका पालन करके भक्ति भाव से गणेश जी की पूजा की जा सकती है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Sonu Sood WhatsApp Blocked: 2 दिन से बंद है सोनू सूद का व्हाट्सएप अकाउंट, नहीं कर पा रहे हैं जरूरतमंदों की मदद
-
Sahil Khan Arrested: महादेव बेटिंग ऐप केस में मुंबई पुलिस ने उठाया बड़ा कदम , एक्टर साहिल खान हुए गिरफ्तार
-
Samantha Ruth Birthday: साउथ इंडस्ट्री की दिवा 37 साल की हुईं आज, ऐसा रहा है सामंथा का फिल्मी करियर
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट