सेहरा पहनकर दूल्हा क्यों पार नहीं कर सकता नदी, जानें कारण
शादी विवाह के समय सभी शुभ कार्य बिना विघ्न के पूरे हों इसके लिए हिंदू शास्त्रों में कई नियम बनाए गए हैं. शादी के समय दूल्हा नदी क्यों पार नहीं करता आइए जानते हैं.
नई दिल्ली:
आपने अकसर ये सुना होगा कि दूल्हा सेहरा बांधने के बाद कभी नदी पार नहीं करता. लेकिन ऐसा क्यूं कहा जाता है, क्या आप इसकी वजह जानते हैं. हिंदू धर्म में ऐसे कई नियम और रीति-रिवाज़ हैं जिनका पालन ना करने पर आपको उसके विपरीत परिणाम भुगतने पड़ते हैं. कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि पुराने रीति-रिवाज़ हैं इसलिए इनका पालन करते आ रहे हैं तो आगे भी ऐसा करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है. हर रीति-रिवाज़ के पीछे एक कारण होता है और यही कारण है जिस वजह से इनका पालन सदियों से होता आ रहा है. आज हम आपको शादी विवाह के इस महत्वपूर्ण नियम के बारे में बता रहे हैं. अगर आपकी या आपके जान पहचान में किसी की शादी हो रही है तो उसे इस बारे में सही जानकारी होनी चाहिए.
शादी विवाह का शुभ अवसर ऐसा नाजुक होता है जिसमें किसी ना किसी की अच्छी या बुरी नज़र लग ही जाती है. कुछ लोग खुश होते हैं तो कुछ के मन में ईर्ष्या का भाव आता है. ऐसे में आप जब शादी करने जा रहे हैं तो ये मंगल कार्य शांति से संपन्न हो और शादी के बाद भी आपके जीवन में कोई बाधा ना आए इस कारण हिंदू धर्म में कई नियम बनाए गए हैं जिन्हें लोग अब रीति-रिवाज़ भी कहते हैं. जिन घरों में इनका पालन होता है उनके घर में हमेशा खुशियां बनीं रहती हैं. तो आइए जानते हैं कि शादी के लिए दूल्हा जब सेहरा बांधकर निकलता है तो रास्ते में आने वाली कोई भी नदी या नाली उसे क्यों पार नहीं करने देते.
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, पानी में साफ करने की शक्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि जब हम नदी में डुबकी लगाते हैं तो हमारे नेगिटिव विचार पानी सोख लेता है. जब ऋषि नदियों के किनारे तपस्या करते हैं डुबकी लगाते हैं तो नेगिटिव विचार से मुक्ति मिल जाती है.
इसके अलावा नदी किनारे शमशान घाट होते हैं. इनमे अस्थि विसर्जन भी किया जाता है. यानि नदी सभी की नेगेटिव एनर्जी को सोख लेती है, लेकिन रिलीज नहीं करती. इसलिए ये डर होता है की कहीं कोई नेगेटिव एनर्जी नदी से दुल्हे के साथ ना चली जाए. सिर्फ यही वजह है कि दुल्हे को नदी पार नहीं करने देते कि उसे किसी तरह की कोई बाधा आगे ना आए.
अगर किसी मजबूरी में दूल्हे को नदी पार करनी पड़े तो दूल्हे के हाथ से नदी में जटाधारी नारियल डलवा देना चाहिए इससे कोई भी नेगेटिव एनर्जी आपके साथ आगे नहीं जाती.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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