Mundan After Death: भारत में किसी परिवार सदस्य की मृत्यु के बाद मुंडन संस्कार का प्रचलन बहुत पुराना है. ये परंपरा हिंदू धर्म के धार्मिक ग्रंथों, रीति-रिवाजों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जुड़ी हुई है. इसे मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति और जीवित परिजनों के शुद्धिकरण से जोड़ा जाता है. आइए समझते हैं कि यह परंपरा क्यों महत्वपूर्ण है और इसके पीछे धार्मिक व वैज्ञानिक आधार क्या है.
परिवार में किसी की मृत्यु के बाद मुंडन कराने के धार्मिक कारण (Why do Hindus shave head after death in family?)
हिंदू धर्म में माना जाता है कि मृत्यु के बाद आत्मा को शांति और मुक्ति जिसे कुछ लोग मोक्ष भी कहते हैं उसे प्रदान करने के लिए विशेष संस्कार किए जाते हैं. मुंडन मृत व्यक्ति के प्रति पितृ ऋण के निर्वहन का संकेत भी है. सिर के बाल त्यागना जीवन के सुख और मोह-माया से दूरी और मृतक के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का प्रतीक है. बालों को त्यागने से अहंकार का नाश होता है और व्यक्ति अपने शोक को समाज के सामने प्रकट करता है. हिंदू धर्म में बालों को शरीर का अशुद्ध हिस्सा माना गया है. मुंडन करने से शुद्धिकरण होता है, जिससे व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से पवित्र महसूस करता है. यह नए आरंभ का प्रतीक भी है.
मुंडन कराने के वैज्ञानिक कारण (Scientific reasons for shaving the head)
शोक के दौरान लोग सामान्य से अधिक समय घर के अंदर बिताते हैं, जहां हवा में नमी और गंदगी हो सकती है. परिवार में मृत्यु के समय व्यक्ति मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत तनावग्रस्त होता है. मुंडन से सिर के बाल हटाने पर त्वचा में रक्त संचार बेहतर होता है. तनाव को कम करने और मानसिक शांति मिलने में मदद करता है. बालों में गंदगी और पसीना जमा होता है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. मुंडन करने से सिर को स्वच्छ और संक्रमण मुक्त रखा जा सकता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. आयुर्वेद और योग के अनुसार, सिर पर मुंडन करने से शरीर की ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है. सिर का खुला रहना ऊर्जा प्रवाह को बेहतर बनाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)