Holika Dahan 2024: होलिका और प्रहलाद की मूर्ति गोबर से बनाई जाती है क्योंकि इसका एक प्राचीन संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है. इसका मुख्य कारण है कि गोबर पवित्रता का प्रतीक माना जाता है और इसे पूजनीय माना जाता है. इसके अलावा, गोबर का उपयोग अनेक प्राचीन कार्यों और परंपराओं में किया जाता रहा है, जिसमें पूजा, यात्रा, और अन्य समारोह शामिल हैं. गोबर से बनाई जाने वाली मूर्तियां पवित्रता और धार्मिकता के साथ-साथ, प्राकृतिक तत्वों का भी प्रतीक होती हैं और लोगों को ध्यान दिलाती हैं कि हर चीज का महत्व होता है और उसे उपयोग किया जा सकता है. इस रूप में, होलिका और प्रहलाद की मूर्तियां गोबर से बनाई जाती हैं ताकि उनका पूजन किया जा सके और धार्मिक अद्यात्मिक महत्व को उजागर किया जा सके.
होलिका और प्रहलाद की मूर्तियाँ गोबर से बनाने के कई कारण हैं:
धार्मिक महत्व:
शुद्धता: गोबर को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है. इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा में शुद्धिकरण के लिए किया जाता है.
उर्वरता: गोबर को उर्वरता का प्रतीक माना जाता है. होली वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जो नई शुरुआत और जीवन का प्रतीक है.
बुराई पर अच्छाई की जीत: होली की कहानी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. गोबर से मूर्तियाँ बनाकर, हम इस संदेश को दर्शाते हैं कि बुराई, चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः अच्छाई से हार जाती है.
व्यावहारिक कारण:
उपलब्धता: गोबर आसानी से उपलब्ध और सस्ता है.
आकार देने में आसान: गोबर को आकार देना आसान है, जिससे मूर्तियाँ बनाना आसान हो जाता है.
पर्यावरण के अनुकूल: गोबर एक प्राकृतिक और जैव-विघटनीय पदार्थ है, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है.
सांस्कृतिक कारण:
परंपरा: गोबर से मूर्तियाँ बनाना एक पुरानी परंपरा है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है.
सामुदायिक भावना: मूर्तियाँ बनाने में अक्सर पूरा समुदाय शामिल होता है, जो एकजुटता और सामंजस्य की भावना को बढ़ावा देता है.
इस प्रकार, होलिका और प्रहलाद की मूर्तियाँ गोबर से बनाने के कई धार्मिक, व्यावहारिक और सांस्कृतिक कारण हैं. अगर आप हर साल होली मनाते हैं और पूजा के लिए गोबर के होलिका और प्रहलाद बनाते हैं तो आपको अब इसका सही अर्थ जरूर समझ आ चुका होगा
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau