Mauni Amavasya Snan: सनातन धर्म में मौनी अमावस्या को पवित्र और शुभ पर्व माना गया है. इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यधिक पुण्यदायक होता है. ऐसा माना जाता है कि गंगा में स्नान से न केवल पापों का नाश होता है बल्कि मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. इस दिन विशेष रूप से 5 डुबकी लगाने की परंपरा है. हर डुबकी का विशेष महत्व और विधि होती है. पहली से लेकर पांचवी डुबकी तक कैसे लगायी जाती है, हर डुबकी का क्या धार्मिक महत्व है, आइए जानते हैं.
पहली डुबकी आत्म-शुद्धि के लिए
पहली डुबकी का उद्देश्य आत्मा को शुद्ध करना है. यह डुबकी व्यक्ति को पापों से मुक्त करती है और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करती है. मन में "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करते हुए डुबकी लगाएं. भगवान से अपने पापों के क्षमा की प्रार्थना करें.
दूसरी डुबकी पितरों की तृप्ति के लिए
मौनी अमावस्या के दिन दूसरी डुबकी पितरों की आत्मा की शांति के लिए लगाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनका आशीर्वाद मिलता है. स्नान करते समय पितरों के नाम पर जल अर्पित करें और “ॐ पितृभ्यः नमः” का जाप करें.
तीसरी डुबकी स्वास्थ्य लाभ के लिए
इस डुबकी से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार, दीर्घायु और बीमारियों से बचाव की शक्ति मिलती है. स्नान करते समय गंगा जल को सिर पर डालें और ध्यान करें कि यह आपके शरीर को शुद्ध कर रहा है.
चौथी डुबकी मनोकामना पूर्ति के लिए
मौनी अमावस्या के स्नान को अमृत स्नान कहा जाता है. इस दिन चौथी डुबकी अपनी इच्छाओं और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए लगाई जाती है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सच्चे मन से मांगी गई हर इच्छा पूरी होती है. डुबकी लगाते समय अपनी मनोकामना का स्मरण करें और भगवान से उसकी पूर्ति की प्रार्थना करें.
पांचवीं डुबकी मोक्ष प्राप्ति के लिए
पांचवी डुबकी मोक्ष और जीवन के अंतिम सत्य को प्राप्त करने के लिए होती है. माना जाता है कि यह जन्म-जन्मांतर के बंधनों से मुक्त करती है. जब आप पांचवी डुबकी लगाएं तो "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें और मन को पूरी तरह से शांत करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)