Holika Dahan 2024: प्रहलाद कौन थे जानें क्यों होता है होली से एक दिन पहले होलिका दहन
Holika Dahan 2024: प्रहलाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे. वे हिरण्यकश्यप, जो कि एक दानव राजा था, के पुत्र थे. हिरण्यकश्यप अत्यंत अहंकारी था और चाहता था कि सभी लोग उसकी पूजा करें. प्रहलाद का जन्म देवकी और हिरण्यकशिपु के पुत्र के रूप में हुआ था.
नई दिल्ली :
Holika Dahan 2024: प्रहलाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे. वे हिरण्यकश्यप, जो कि एक दानव राजा था, के पुत्र थे. हिरण्यकश्यप अत्यंत अहंकारी था और चाहता था कि सभी लोग उसकी पूजा करें. प्रहलाद का जन्म देवकी और हिरण्यकशिपु के पुत्र के रूप में हुआ था. हिरण्यकशिपु एक अत्याचारी और शासक थे, जो भगवान विष्णु के पूजन में नामुमकिन को कहते थे. प्रहलाद ने अपने पिता के विरुद्ध ब्रह्मचर्य और भगवान के भक्ति में जीने का संकल्प किया. प्रहलाद का प्रमुख कथा हिरण्यकशिपु के प्रति उनकी अटल भक्ति की है. हिरण्यकशिपु ने अनेक प्रयास किए लेकिन प्रहलाद की अटल भक्ति को तोड़ने में विफल रहे. अंततः, भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकशिपु का वध किया और प्रहलाद की भक्ति को साकार किया. प्रहलाद को हिन्दू धर्म के एक महान भक्त के रूप में स्मरण किया जाता है, जिनका उदाहरण लोगों को आदर्श और परामर्श प्रदान करता है. उनकी कथा और उनका अद्भुत श्रद्धा भक्ति और विश्वास की प्रेरणा देती है.
होलिका हिरण्यकश्यप की बहन थी. उसे एक वरदान प्राप्त था जिसके अनुसार वह अग्नि में नहीं जल सकती थी.
होलिका दहन की कथा: हिरण्यकश्यप जब अपने पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु की पूजा करते देखता, तो क्रोधित हो जाता. उसने प्रहलाद को कई बार मारने का प्रयास किया, परन्तु हर बार भगवान विष्णु ने प्रहलाद की रक्षा की. अंत में, हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रहलाद को लेकर अग्नि में प्रवेश करे. होलिका वरदान के कारण अग्नि में नहीं जलने वाली थी, परन्तु प्रहलाद को भगवान विष्णु की रक्षा प्राप्त थी. जैसे ही होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि में प्रवेश करती है, वरदान उल्टा हो जाता है और होलिका जल जाती है, जबकि प्रहलाद बाल-बाल बच जाते हैं.
यह घटना बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बन जाती है.
होलिका दहन इस घटना का स्मरण करते हुए मनाया जाता है. होलिका दहन के दिन लोग लकड़ी और घास का ढेर बनाकर उसे जलाते हैं और इस बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाते हैं. इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा सत्य और धर्म का पालन करना चाहिए, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों. हमें कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए और दूसरों को परेशान नहीं करना चाहिए.
भगवान विष्णु हमेशा उन लोगों की रक्षा करते हैं जो सच्चे और भक्तिमान होते हैं.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Met Gala 2024: फ्लोरल साड़ी.. मिनिमल मेकअप.. हेयर एसेसरी, कुछ यूं अदाएं बिखेरती नजर आईं आलिया भट्ट
-
Tansen: जब वो गाते थे तो सुरों की बारिश होती थी, पत्थर पानी बन जाते थे..अकबर के नौ रत्नों में से एक थे तानसेन
-
Kareena Kapoor religion: करीना कपूर का धर्म बदलवाना चाहते थें सैफ अली खान? एक्टर ने कहा- इस्लाम धर्म में..
धर्म-कर्म
-
Mishri Ke Upay: चमत्कारी है धागे वाली मिश्री का ये उपाय, बरसने लगेगी देवी लक्ष्मी की कृपा
-
Remove Negative Energy: नकारात्मक ऊर्जा से हैं परेशान, पानी में ये डालकर करें स्नान
-
Shani Jayanti 2024: शनि जयंती के दिन इस तरह करें शनिदेव की पूजा, आर्थिक संकट होगा दूर
-
Mulank 7 Numerology 2024: मई में इस मूलांक के लोगों को मिलने वाले हैं कई नए अवसर, हो जाएं तैयार