Jain muni Acharya Vidyasagar: आचार्य विद्यासागर महाराज एक जैन गुरु, संत शिरोमणि, और दिगंबर जैन मुनि थे. उनका जन्म आश्विन शरद पूर्णिमा को 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक के बेलग्राम जिले के सुप्रसिद्ध सदलगा ग्राम में हुआ था. उनका जन्म नाम विद्याधर था. आज यानि 18 फरवरी 2024 को छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में आचार्य विद्यासागर महाराज ने अंतिम सांस ली. उनके निधन पर देश भर में शोक व्यक्त किया गया. आचार्य विद्यासागर महाराज जैन समाज के एक महान गुरु और प्रेरणा स्रोत थे. उन्होंने अपने जीवन का समर्पण जैन धर्म के प्रचार और समाज सेवा में किया. उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और लोगों को जीवन जीने का सही मार्ग दिखाती हैं. आइए जानते हैं आचार्य विद्यासागर महाराज के जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें.
22 वर्ष की आयु में बन गए मुनि
1968 में 22 वर्ष की आयु में उन्होंने आचार्य ज्ञानसागर से दीक्षा ली और मुनि बन गए. उन्होंने 500 से अधिक मुनियों और 1000 से अधिक आर्यिकाओं को दीक्षा दी. आचार्य ने शिक्षा, सामाजिक सुधार और धर्म प्रचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया. विद्यासागर महाराज ने 50 से अधिक पुस्तकें लिखीं जिनमें 'मुक्ति का मार्ग', 'जीवन दर्शन', और 'आत्मज्ञान' शामिल हैं. उन्हें 'वर्तमान के वर्धमान' और 'जैन समाज का स्तंभ' के रूप में जाना जाता था.
दीं सबसे ज्यादा दीक्षा
आचार्य विद्यासागर महाराज ने अहिंसा के सिद्धांत पर बल दिया और सभी जीवों के प्रति दया और करुणा का संदेश दिया. उन्होंने सत्य बोलने और सचाई के मार्ग पर चलने का महत्व बताया. भौतिक वस्तुओं से मोह त्यागने और सादा जीवन जीने का महत्व भी बताया. उन्होंने ब्रह्मचर्य का पालन करने और मन को शुद्ध रखने का महत्व बताया।.
पीएम मोदी ने भी दी श्रद्धांजलि
देश के प्रधानमंत्री मोदी ने भी आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज को श्रद्धांजलि दी. उन्हें कहा - 'मेरी प्रार्थनाएं उनके अनगिनत भक्तों के साथ हैं, आने वाली पीढ़ियां उन्हें समाज में उनके अमूल्य योगदान के लिए याद रखेंगी'.
पीएम मोदी ने आचार्य विद्यासागर महाराज से की थी मुलाकात
आपको बता दें कि साल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल डोंगरगढ़ का दौरा किया. इस यात्रा के दौरान उन्होंने मां बम्लेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की और जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज से मुलाकात की. इस दौरान मोदी ने आचार्य विद्यासागर महाराज चरण छूकर उनसे आशीर्वाद लिया था. मोदी की यह यात्रा छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले हुई थी, जिसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना गया.
Source : News Nation Bureau