World's Largest Vedic Taramandal Temple: दुनिया के सबसे बड़ा वैदिक तारामंडल मंदिर कहां है, जानें इसका धार्मिक महत्व और विशेषताएं

World's Largest Vedic Taramandal Temple: भारत में एक से एक मंदिर हैं. दुनिया भर में सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं. वैदिक तारामंडल एक ऐसा मंदिर है जहां दुनिया धर्म को करीब से जान पाएगी.

World's Largest Vedic Taramandal Temple: भारत में एक से एक मंदिर हैं. दुनिया भर में सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं. वैदिक तारामंडल एक ऐसा मंदिर है जहां दुनिया धर्म को करीब से जान पाएगी.

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Inna Khosla
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Where is the world largest Vedic Taramandal temple

Where is the world largest Vedic Taramandal temple Photograph: (News Nation)

World's Largest Vedic Taramandal Temple: दुनिया का सबसे बड़ा वैदिक तारामंडल मंदिर भारत में कोलकाता के मायापुर में स्थित है. इसे श्री मायापुर चंद्रोदय मंदिर भी कहा जाता है. इस मंदिर को इस्कॉन विकसित कर रहा है. मायापुर को गौड़ीय वैष्णव धर्म का मुख्य केंद्र माना जाता है और यह चैतन्य महाप्रभु की जन्मभूमि है. मुख्य गर्भगृह में भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की भव्य मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. इसका उद्देश्य वैदिक संस्कृति और शिक्षाओं को आधुनिक युग में लोगों के बीच पुनर्स्थापित करना है. मंदिर की वास्तुकला वैदिक सिद्धांतों और परंपराओं पर आधारित होगी. इसकी संरचना में आधुनिक और पारंपरिक तकनीकों का मिश्रण देखने को मिलेगा. इसे एक ऐसे प्रतिष्ठान के रूप में विकसित किया जा रहा है जो विश्व स्तर पर वैदिक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करे और वर्ल्ड हेरिटेज प्रोजेक्ट बने.

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मंदिर की विशेषताएं

कोलकाता में बन रहा वैदिक मंदिर वैदिक संस्कृति का एक नया अध्याय लिखेगा. 22 एकड़ में फैला यह विशाल मंदिर, वैदिक ज्ञान का एक केंद्र होगा. इसमें एक तारामंडल भी है जो ब्रह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठाएगा. मंदिर में एक संग्रहालय होगा जिसमें वैदिक ग्रंथों और कलाकृतियों का संग्रह होगा. यहां लोग ध्यान, भजन और वैदिक अध्ययन कर सकेंगे. 'फूड फॉर लाइफ' कार्यक्रम के माध्यम से यह मंदिर समाज सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा.

यहां आने वाले लोगों को गीता, भागवत, और वैदिक साहित्य का अध्ययन करने का मौका मिलेगा. मंदिर का परिसर अत्यंत विशाल होगा, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए ध्यान, भक्ति, और अध्ययन के लिए सुविधाएं होंगी. इसमें एक विशेष संग्रहालय होगा, जहां वैदिक ग्रंथ, चित्र, और वैदिक विज्ञान से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जाएगी. यहां आने वालों के लिए श्रीमद्भागवत और वैदिक परंपराओं को समझाने के लिए 3D शो और अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया जाएगा. स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में पर्यटकों को ये जगह आकर्षित करेगी. माना जा रहा है कि इससे रोजगार और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी. कोलकाता वैदिक मंदिर न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में वैदिक परंपराओं के प्रचार और संरक्षण का प्रतीक बनेगा. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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