What is Secret of Sheshnag Lake: शेषनाग ये नाम तो आपने कई बार सुना होगा. दरअसल हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के लिए कहा जाता है कि वह क्षीरसागर में शेषनाग पर लेटकर विश्राम करते हैं. शेषनाग के साथ ही भगवान विष्णु अपने अवतार भी लेते हैं, जैसे रामवतार में लक्ष्मण को शेषनाग का अवतार बताया गया वहीं, कृष्णावतार में भी बलराम शेषनाग के ही अवतार बताए गए. हालांकि धरती पर भी शेषनाग को लेकर कई रहस्य मौजूद हैं. उनमें से एक है शेषनाग झील. जी हां शेषनाग झील का रहस्य बहुत कम लोग जानते हैं. हालांकि इसको लेकर भी कई तरह की बातें सामने आती हैं. आइए जानते हैं आखिर कहां है ये शेषनाग झील और क्या है इससे जुड़ा रहस्य.
कहां है शेषनाग झील?
शेषनाग झील जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में अमरनाथ यात्रा मार्ग के करीब, अपनी गहराई और पौराणिक कथाओं के कारण विशेष रूप से प्रसिद्ध है. यह झील लगभग 23 किलोमीटर दूर स्थित है और इसे हजारों साल पुराना माना जाता है. गहराई में 250 फीट से ज्यादा होने की वजह से यह झील प्राकृतिक रूप से भी आकर्षक बताई जाती है. लेकिन इसे जो रहस्यमयी और धार्मिक महत्ता प्राप्त है, वह इसके साथ जुड़ी कथाओं से है.
क्या है शेषनाग झील से जुड़ा रहस्य?
हिंदू धर्म की पुराण कथाओं में शेषनाग का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. माना जाता है कि शेषनाग, जो भगवान विष्णु के सहायक और उनके सर्प का रूप हैं, ने इस झील को स्वयं बनाया और इसे अपना निवास स्थान बनाया.
इस विश्वास के कारण यह झील श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल बन गई है. यही नहीं कहा जाता है कि शेषनाग यहां सदियों से विराजमान हैं और इस जगह की आध्यात्मिक ऊर्जा को बनाए रखते हैं.
झील में दिखाई देने वाली शेषनाग की आकृति
शेषनाग झील की सबसे खास बात है कि कुछ लोगों का मानना है कि झील के पानी में शेषनाग की आकृति दिखती है. हालांकि यह दृश्य काफी कम बार देखा गया है. लेकिन कुछ लोगों का दावा है कि उन्होंने शेषनाग की आकृति को झील में देखा है.
खासकर सर्दियों में, जब झील का पानी जम जाता है और आसपास की नदियां मिलती हैं, तो पानी की सतह पर कुछ विशिष्ट और रहस्यमयी आकार उभरते हैं, जो शेषनाग के रूप में देखे जाते हैं. यह प्राकृतिक घटना लोगों को आश्चर्यचकित कर देती है और यहां की लोककथाओं में इसका विशेष स्थान है.
24 घंटे में एक बार दर्शन का रहस्य
एक अन्य मान्यता यह भी है कि श्रद्धालु यदि पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ इस झील के पास प्रार्थना करें, तो उन्हें 24 घंटों में एक बार शेषनाग के दिव्य दर्शन होते हैं. यह दर्शन एक आध्यात्मिक अनुभव माना जाता है जो जीवन में खुशहाली और आशीर्वाद लाता है. कई तीर्थयात्री इसे अपने लिए एक बड़ा सौभाग्य मानते हैं.
भगवान शिव का आशीर्वाद और धार्मिक महत्व
एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, भगवान शिव ने शेषनाग को इस स्थान पर विराजित किया था ताकि वह इस पवित्र झील की रक्षा करें. यही वजह है कि यहां आने वाले तीर्थयात्री शेषनाग के आशीर्वाद के लिए आते हैं. माना जाता है कि यहां से मिलने वाला आशीर्वाद जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा प्रदान करता है.
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