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Vinayaka Chaturthi in Margashirsha: कब है मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी, जानें तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त

Vinayaka Chaturthi in Margashirsha: अगर आप साल बीतने से पहले ये चाहते हैं कि बप्पा का आशीर्वाद आप पर आने वाले साल में भी बना रहे तो मार्गशीर्ष माह की गणेश चतुर्थी का दिन उनकी पूजा के लिए बेहद खास है.

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Inna Khosla
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Vinayaka Chaturthi in Margashirsha

Vinayaka Chaturthi in Margashirsha

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Vinayaka Chaturthi in Margashirsha: विघ्नहरण मंगलकरन भगवान श्री गणेश को समर्पित विनायक चतुर्थी का दिन हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है. इस दिन बप्पा के आशीर्वाद से आप अपनी हर मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं. मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी तिथि के दिन गणपति को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से सभी कष्ट, बाधाएं और दुर्भाग्य दूर होते हैं. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और शुभता के देवता माना जाता है. मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी पर गणेश जी को अर्पित किए गए मोदक, दुर्वा और लाल चंदन से उनकी कृपा प्राप्त होती है. यह दिन जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का प्रतीक है. भक्त गणपति को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं.

विनायक चतुर्थी कब है? 

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष, शुक्ल चतुर्थी 4 दिसंबर को दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से शुरू हो रही है जो दिसंबर 5 को 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगी.

पूजा का शुभ मुहूर्त 

दिसम्बर 5, 2024, बृहस्पतिवार को विनायक चतुर्थी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 11:09 ए एम से 12:49 पी एम बजे का है.

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि

प्रातः स्नान करके गणेश जी का ध्यान करते हुए पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए. गणेश जी को मोदक, गुड़, तिल, और लड्डू का भोग लगाएं. ॐ गण गणपतये नमः मंत्र का जाप कर शाम को चंद्र दर्शन करके व्रत का पारण करें.

मार्गशीर्ष माह को धार्मिक दृष्टि से बेहद पवित्र माना जाता है. इसे "मासोत्तम" भी कहा गया है. इस माह की विनायक चतुर्थी पर की गई पूजा जीवन में शुभता, सफलता और बाधाओं से मुक्ति दिलाती है. मान्यता है कि मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी पर गणेश जी के आशीर्वाद से कुंडली के दोष, व्यापार में बाधाएं और करियर से जुड़ी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं. यह दिन उन लोगों के लिए भी खास है, जो विद्या और ज्ञान की प्राप्ति चाहते हैं.

पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को दस यज्ञों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. साथ ही पारिवारिक कलह समाप्त होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है. विनायक चतुर्थी पर ध्यान और भक्ति से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. यह दिन आत्मबल और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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