Margashirsha Amavasya Daan: मार्गशीर्ष अमावस्या को शास्त्रों में अगहन अमावस्या भी कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि 30 नवंबर 2024 को सुबह 10 बजकर29 मिनट से प्रारंभ हो रही है जो दिसम्बर 01 को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन किए गए दान का कई गुना फल प्राप्त होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर आप पितृ दोष से परेशान हैं, पितरों की शांति कराना चाहते हैं या ये चाहते हैं कि आपके पितरों का आशीर्वाद सदा आप पर बना रहे और आप आने वाले साल में खुशियां पाएं तो आप इस साल की मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि पर अपनी मनोकामना अनुसार दान धर्म कर सकते हैं.
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन क्या दान करें?
भोजन और वस्त्र दान
गरीब ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है. अगर आपके घर में कोई लंबे समय से बीमार है तो आप उसके हाथों से भी इस दिन दान करवा सकते हैं.
पितरों का तर्पण और दान
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर पितरों का तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आप स्नान के बाद पितरों का नाम लेकर कुछ सफेद चीज जैसे आटा, चावल या चीनी का गरीबों को दान कर सकते हैं. ये आपके जीवन में हर तरह का सुख लेकर आएगा.
देवी लक्ष्मी की पूजा और दान
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है और धन-धान्य की वृद्धि होती है. आप अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए अमावस्या के दिन देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाकर गरीबों को ये दान करें.
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है. इस दिन किए गए दान से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है. साथ ही देवी लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)