Maha Kumbh Kalpwas 2025: कल्पवास महाकुंभ में कब से हो रहा है शुरू, जानें शुभ तिथि और महत्व

Maha Kumbh Kalpwas 2025: महाकुंभ के दौरान कल्पवास का विशेष महत्व होता है. हिंदू धर्म संस्कृति में कल्पवास कैसे करते हैं आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Maha Kumbh Kalpwas 2025

Maha Kumbh Kalpwas 2025

Maha Kumbh Kalpwas 2025: कल्पवास एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है 'कल्प' यानी एक कल्प काल (अर्थात 4.32 अरब वर्ष) के लिए व्रत. हालांकि, व्यावहारिक रूप से इतने लंबे समय तक व्रत रखना संभव नहीं है. आधुनिक काल में महाकुंभ में कल्पवास कुछ दिनों या महीनों तक ही किया जाता है. महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है और इसमें कल्पवास एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. कल्पवास एक लंबा और कठोर व्रत होता है. सनातन धर्म में इसके कई नियम भी बताए गए हैं. कल्पवास के दौरान भक्त पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. भक्त अपने इष्टदेव की पूजा करते हैं. ध्यान और योग करके व्रत भी रखते हैं. इस दौरान मंत्र जाप का भी महत्व होता है. 

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महाकुंभ 2025 में कल्पवास कब से शुरू होगा? 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कल्पवास पौष पूर्णिमा तिथि से प्रारंभ होता है जो माघी पूर्णिमा तिथि तक चलता है. इन 10 दिनों में कल्पवास करने वाले लोग सभी नियमों का ध्यानपूर्वक पालन करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार 12 साल बाद 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा से कल्पवास प्रारंभ होगा जो 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा तिथि तक चलेगा. कुछ लोग इसे 40 दिनों का भी करते हैं. 

महाकुंभ में कल्पवास का महत्व

कल्पवास को मोक्ष प्राप्त करने का एक माध्यम माना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. कल्पवास के दौरान भक्त ध्यान, योग और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों में लिप्त होते हैं जिससे आध्यात्मिक विकास होता है. महाकुंभ में लाखों लोग एक साथ आते हैं और कल्पवास करते हैं, जिससे सामाजिक एकता और भाईचारे का भाव बढ़ता है. कल्पवास के दौरान भक्त गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. माना जाता है कि इन नदियों में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और मन शुद्ध होता है.

कल्पवास करने से सभी पाप धुल जाते हैं. मान्यता है कि कल्पवास करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. कल्पवास के दौरान आध्यात्मिक विकास होता है. मन शांत होता है और इससे शरीर स्वस्थ रहता है. लेकिन इन दौरान शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. मन को शांत रखना चाहिए और धार्मिक नियमों का पालन करना चाहिए. महाकुंभ में कल्पवास एक पवित्र अनुष्ठान है. इसे करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक विकास और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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