Jyeshtha Purnima: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. इस दिन व्रत रखें और दान करें. पीपल और बरगद के पेड़ों की पूजा करें. गाय को भोजन खिलाएं और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मंत्रों का जाप करने से भी लाभ मिलता है. मान्यता है कि इस दिन स्नान, दान और पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष उपाय भी किए जाते हैं, ये उपाय क्या हैं और इससे आपको क्या लाभ मिलेगा आइए जानते हैं.
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 21 जून 2024 (शुक्रवार), सुबह 06:01 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 22 जून 2024 (शनिवार), सुबह 05:07 बजे
स्नान का शुभ मुहूर्त
22 जून 2024 (शनिवार): सुबह 05:48 बजे से 07:31 बजे तक
पूजा का शुभ मुहूर्त
22 जून 2024 (शनिवार): सुबह 11:16 बजे से 12:49 बजे तक
व्रत का पारण
23 जून 2024 (रविवार): सुबह 08:07 बजे से 09:36 बजे तक
ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि और उपाय (Jyeshtha Purnima Puja Vidhi)
ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन सफेद या हल्के रंग के वस्त्र धारण करें, क्योंकि यह शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है. प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और अपने पूजा स्थान को भी स्वच्छ करें. लक्ष्मी माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और उन्हें स्नान कराकर, वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद उन्हें पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य (भोग) अर्पित करें.
श्रीसूक्त का पाठ करें, जो मां लक्ष्मी की स्तुति का विशेष मंत्र है. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है. लक्ष्मी माता को कुंकुम और हल्दी का तिलक लगाएं और उनके चरणों में अर्पित करें. शुद्ध घी का दीपक जलाएं और लक्ष्मी माता की आरती करें. दीपक की रौशनी समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक मानी जाती है. इस दिन कुछ धन (रुपया, अन्न या वस्त्र) का दान करें. इससे आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी.
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जप करें. यह मंत्र मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है. लक्ष्मी मंत्रों का पाठ करें और उनसे घर में समृद्धि और शांति की कामना करें. लक्ष्मी माता को बिल्व पत्र अर्पित करें. यह उन्हें बहुत प्रिय होता है और इससे वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं. संध्या के समय पुनः लक्ष्मी माता की पूजा करें और दीपक जलाकर उनकी आरती करें. इस समय शंख और घंटी बजाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
इन उपायों को श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से मां लक्ष्मी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है और घर में धन-संपत्ति, सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau