Importance of Dhuni Aarti: सनातन धर्म में धुनी से आरती करने का क्या महत्व है, जानें इसके धार्मिक लाभ

Importance of Dhuni Aarti: क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि के दिनों में धुनी आरती करने का क्या मतलब होता है. सनातन धर्म में इस आरती का क्या महत्व है आइए जानते हैं.

Importance of Dhuni Aarti: क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि के दिनों में धुनी आरती करने का क्या मतलब होता है. सनातन धर्म में इस आरती का क्या महत्व है आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Importance of Dhuni Aarti

Importance of Dhuni Aarti

Importance of Dhuni Aarti: धुनी से आरती करने का सनातन धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. धुनी, जिसे धूप या धुआं भी कहा जाता है, पूजा और आराधना के दौरान वातावरण को शुद्ध करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए उपयोग किया जाता है. यह परंपरा हजारों सालों से चली आ रही है और इसे सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है. धुनी से आरती करने का मुख्य उद्देश्य वातावरण को शुद्ध करना और नकारात्मक शक्तियों को दूर करना है. जब धूप, गुग्गल, या कपूर जलाया जाता है, तो उससे उत्पन्न होने वाला धुआं नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और एक पवित्र और सकारात्मक वातावरण का निर्माण करता है. माना जाता है कि यह धुआं देवताओं तक पहुंचता है और उन्हें प्रसन्न करता है, जिससे वे अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.

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आरती में धुनी का उपयोग

आरती के दौरान जब धुनी का प्रयोग किया जाता है, तो इसे देवताओं की आराधना और उनके स्वागत के रूप में देखा जाता है. यह प्रक्रिया शास्त्रों में वर्णित है और इसे शुभ माना जाता है. धूप या धुनी जलाने से मन, शरीर, और आत्मा को शांति मिलती है और ध्यान के समय मानसिक एकाग्रता बढ़ती है.

धुनी से आरती के लाभ

धुनी से निकलने वाला धुआं वातावरण में व्याप्त नकारात्मकता और अशुद्धियों को समाप्त करता है जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. धुनी जलाने से व्यक्ति की आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है और पूजा-पाठ में मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं. इससे उत्पन्न सुगंध से मन शांत होता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है. धार्मिक मान्यता है कि आरती के समय धुनी का उपयोग करने से देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

धुनी का वैज्ञानिक पक्ष

आधुनिक विज्ञान के अनुसार भी धूप, गुग्गल, और कपूर जैसे प्राकृतिक पदार्थों के धुएं में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं. इससे वातावरण में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट किया जा सकता है. इस प्रकार धार्मिक महत्व के साथ-साथ यह प्रक्रिया स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होती है. धुनी से आरती करना सनातन धर्म की एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रक्रिया है जो भक्तों के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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