Importance of Aarti: हिंदू धर्म में क्या है आरती का महत्व, जाने आरती लेने का सही तरीका

Importance of Aarti: हिंदू धर्म के सभी लोग आरती के बारे में जानते हैं. लेकिन क्या आपको इसका महत्व पता है. हम आरती क्यों करते हैं और आरती करने का सही तरीका क्या है आइए सब जानते हैं.

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Inna Khosla
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Importance of Aarti

Importance of Aarti( Photo Credit : news nation)

Importance of Aarti: हिंदू धर्म में आरती का महत्व बहुत है. आरती एक पूजा विधि है जिसमें दिव्य प्रकाश (दीप) की रोशनी, अरोमा, और शब्दों दे देवता को प्रसन्न करने की कोशिश की जाती है. यह एक धार्मिक आदर्श है जो ईश्वर की पूजा में भक्ति और श्रद्धा की भावना को व्यक्त करने के लिए किया जाता है. विशेष रूप से भक्ति, आद्यात्मिक संबंध, और देवता के साथ किसी भी भक्त के रिश्ते को भी इससे समझा जा सकता है. आरती एक प्रकार की पूजा है जिसमें भक्त दिव्य प्रकाश के सामने देवता की स्तुति, आदर, और समर्पण की भावना से भरा हुआ होता है. आरती के द्वारा भक्त अपनी ईश्वर पूजा में समर्पण और सेवा की भावना को व्यक्त करता है. दीप जलाना और फूलों की बेला सजाना इसका हिस्सा होता है. 

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आरती लेने का सही तरीका

आरती लेने का सही तरीका क्षेत्र और सम्प्रदाय के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है, लेकिन कुछ सामान्य चरण हैं जो सभी लोगों के लिए सामान्य हैं. 

सफाई और शुद्धता: सबसे पहले, आरती लेने से पहले, व्यक्ति को अच्छे से स्नान करना चाहिए और शुद्ध वस्त्र पहनना चाहिए.

पूजा स्थल या मंदिर की सजावट: आरती का आयोजन किए जाने वाले स्थल को सुंदरता से सजाकर रखें। देवता की मूर्ति के सामने एक स्थिर और शुद्ध स्थान तैयार करें.

आरती सामग्री: आरती के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि दीप, धूप, फूल, चम्पा, बेल, और प्रासाद को सजाकर रखें.

भक्ति भावना: आरती लेते समय भक्त को श्रद्धाभाव से भरपूर रहना चाहिए। आरती के दौरान मन से देवता की उपासना करना चाहिए.

आरती पढ़ना या गाना: आरती के विशेष श्लोकों या गानों का पाठ करें और उन्हें गाएं.

आरती का समापन: आरती के समापन के बाद, फूलों और दीपों को देवता की मूर्ति के सामने रखें और उन्हें समर्पित करें.

तो आप लक्ष्मी जी की आरती कर रहे हैं या गणेश जी की आरती कर रहे हैं या फिर किसी अन्य देवी देवता की आरती कर रहे हों. अगर आप आरती करते समय इन बातों का ध्यान रखते हैं तो आपके मन को शांति भी मिलती है और देवी देवता तक आपके मन की बात भी आसानी से पहुंच जाती है. जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का... ये कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी. तो आप आपकी करते समय अपने मन में जिस तरह के भाव रखते हैं भगवान आपको वैसा ही फल देते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

Source : News Nation Bureau

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