Natraj Mandir: क्या है नटराज मंदिर का इतिहास, जानें इसकी विशेषताएं 

नटराज मंदिर में कई विशाल गोपुरम हैं, जो मंदिर के प्रवेश द्वार को चिह्नित करते हैं. मंदिर के गर्भगृह में नटराज की मूर्ति स्थापित है

नटराज मंदिर में कई विशाल गोपुरम हैं, जो मंदिर के प्रवेश द्वार को चिह्नित करते हैं. मंदिर के गर्भगृह में नटराज की मूर्ति स्थापित है

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Divya Juyal
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Natraj Mandir( Photo Credit : social media)

History Of Natraj Mandir: नटराज मंदिर के इतिहास और महत्व की बात करें तो नटराज मंदिर का इतिहास 7वीं शताब्दी का है. यह मंदिर पल्लव राजाओं द्वारा बनवाया गया था और बाद में चोल, विजयनगर और अन्य राजवंशों द्वारा इसका विस्तार किया गया. यह मंदिर भगवान शिव को नटराज के रूप में समर्पित है, जो ब्रह्मांड के नृत्य का प्रदर्शन करते हैं. यह नृत्य जीवन और मृत्यु, रचना और विनाश, और ब्रह्मांड के निरंतर चक्र का प्रतीक है. नटराज मंदिर द्रविड़ वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति है. मंदिर में कई विशाल गोपुरम हैं, जो मंदिर के प्रवेश द्वार को चिह्नित करते हैं. मंदिर के गर्भगृह में नटराज की मूर्ति स्थापित है. मूर्ति कांस्य से बनी है और यह भगवान शिव को नृत्य करते हुए दर्शाती है. मूर्ति के चारों ओर कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं. नटराज मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. यह हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है. मंदिर में कई धार्मिक त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें महाशिवरात्रि, कार्तिक पूर्णिमा और दीपावली शामिल हैं.

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नटराज मंदिर की भव्यता और वास्तुकला देखने लायक है. मंदिर के गर्भगृह में स्थापित नटराज की मूर्ति अत्यंत सुंदर और कलात्मक है. मंदिर में कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं जो दर्शनीय हैं.  नटराज मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारतीय कला और संस्कृति का भी प्रतीक है. मंदिर की वास्तुकला और मूर्तिकला भारतीय कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को दर्शाती है. मंदिर में कई शिलालेख और चित्र हैं जो भारतीय इतिहास और संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. 

नटराज मंदिर एक अद्भुत धार्मिक स्थल है जो अपनी भव्यता, वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. यह मंदिर हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है और भारतीय कला और संस्कृति का प्रतीक है. नटराज मंदिर पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच मंदिरों में से एक है. मंदिर में कई पवित्र जल कुंड हैं, जिनमें से एक को "ज्ञान कुंड" कहा जाता है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें ज्ञानवर्धक शक्तियां हैं. मंदिर में कई कलाकृतियाँ और मूर्तियाँ हैं जो भारतीय कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को दर्शाती हैं. 

नटराज मंदिर की 10 विशेषताएं:

प्राचीनता: यह मंदिर 7वीं शताब्दी का है, जो इसे भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक बनाता है.

वास्तुकला: यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें विशाल गोपुरम, मंडप और मूर्तियां हैं.

नटराज की मूर्ति: मंदिर के गर्भगृह में कांस्य से बनी भगवान शिव की नटराज मूर्ति स्थापित है, जो उन्हें नृत्य करते हुए दर्शाती है.

धार्मिक महत्व: यह मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, जो हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है.

पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व: यह मंदिर पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच मंदिरों में से एक है.

ज्ञान कुंड: मंदिर में एक पवित्र जल कुंड है जिसे "ज्ञान कुंड" कहा जाता है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें ज्ञानवर्धक शक्तियां हैं.

कलाकृतियां: मंदिर में कई कलाकृतियां और मूर्तियां हैं जो भारतीय कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को दर्शाती हैं.

त्यौहार: मंदिर में कई धार्मिक त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें महाशिवरात्रि, कार्तिक पूर्णिमा और दीपावली शामिल हैं.

सामाजिक महत्व: मंदिर सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से शामिल है, जैसे कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना.

पर्यटन: यह मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपनी भव्यता, वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है.

नटराज मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारतीय कला, संस्कृति और इतिहास का भी प्रतीक है.

Source : News Nation Bureau

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