Kashi Vishwanath: क्या आप जानते हैं काशी विश्‍वनाथ मंदिर की 10 विशेषताएं, भगवान शिव यहां करते हैं वास

12 द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ का मंदिर बनारस में स्थित है. यहां भगवान शिव वास करते हैं. यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचते हैं.

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Prashant Jha
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काशी विश्वनाथ मंदिर( Photo Credit : फाइल फोटो)

kashi vishwanath history and features: काशी विश्‍वनाथ मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है और वाराणसी (काशी) शहर के शीर्ष प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थलों में से एक है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है. इसका इतिहास बहुत प्राचीन है और इसे कई राजा और साम्राज्यों ने निर्माण किया और पुनर्निर्माण किया. काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था, जब भारतीय संस्कृति और धर्म के बहुत समय पहले इस क्षेत्र में उद्भव हुआ था. यहां पर्याप्त औरिजिनल इतिहासिक डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकिन मान्यता है कि मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था. मंदिर का निर्माण बारंबार किए गए और अनेक बार नष्ट हुए, लेकिन हर बार यह मंदिर फिर से निर्माण किया गया.

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मुगल सम्राट अकबर ने 16वीं सदी में मंदिर को नष्ट किया, लेकिन फिर भी हिन्दू समुदाय ने इसे पुनः निर्मित किया. काशी विश्‍वनाथ मंदिर का अधिकांश वर्तमान रूप 18वीं सदी में मराठा राजा आहिल्याबाई होलकर द्वारा निर्मित किया गया था. वर्तमान मंदिर का निर्माण भूमि पर निर्मित किया गया है जिसे प्राचीन बाराणसी के नगरीय क्षेत्र के भीतर निर्मित किया गया है. काशी विश्‍वनाथ मंदिर की विशेषता में शामिल है कि इसमें एक शिवलिंग है जो भगवान शिव को समर्पित है. यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ आती है जो धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को महसूस करते हैं.

काशी विश्वनाथ मंदिर की 10 विशेषताएं:

प्राचीनता: काशी विश्वनाथ मंदिर, भारत के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है और इसका निर्माण वर्तमान स्थान पर 18वीं सदी में हुआ था.

आर्किटेक्चर: यह मंदिर हिंदू आर्किटेक्चर का उत्कृष्ट उदाहरण है और इसकी विशाल शिखर परंपरागत भारतीय शैली में निर्मित है.

धार्मिक महत्व: काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के प्रमुख पूजा स्थलों में से एक है और हिंदू धर्म के पांच प्रमुख तीर्थ स्थलों में भी शामिल है.

नागर स्थापत्य: इसका निर्माण नागर स्थापत्य शैली में हुआ है, जिसमें संख्यात शिल्पकला का प्रयोग किया गया है.

गोलगुम्बज: मंदिर के शिखर को गोलगुम्बज के रूप में जाना जाता है, जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाता है.

वेदांत प्रभाव: काशी विश्वनाथ मंदिर में वेदांत के सिद्धांतों का प्रभाव है, जो इसे आध्यात्मिक एवं शैक्षिक महत्व का धारक बनाता है.

कला और संस्कृति: इस मंदिर में भारतीय कला और संस्कृति की अद्वितीयता दिखाई जाती है, जो भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

संतों का आदर्श स्थल: काशी विश्वनाथ मंदिर को कई प्रमुख संतों ने आदर्श स्थल के रूप में चुना है और यहां प्रार्थना और ध्यान का केंद्र है.

काशी के प्रमुख पर्यटन स्थल: यह मंदिर काशी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और दर्शनीय स्थलों के रूप में पर्याप्त धार्मिक महत्व रखता है.

धार्मिक उत्सव: मंदिर में विभिन्न धार्मिक उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिनमें महाशिवरात्रि, कार्तिक पूर्णिमा, और मकर संक्रांति शामिल हैं.

बता दें कि हिन्दू धर्म में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व ह. धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती हैं. 12 द्वादश ज्योतिर्लिंग में से 1 ज्योतिर्लिंग काशी में भी स्थित है. यहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करने आते हैं. 

Source : News Nation Bureau

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