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Mahakumbh 2025: महाकुंभ, अर्ध कुंभ और पूर्ण कुंभ में क्या है अंतर, जानें इनका धार्मिक महत्व

Mahakumbh 2025: 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है. 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ में क्या अंतर है.

Mahakumbh 2025: 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है. 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ में क्या अंतर है.

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Inna Khosla
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Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025 Photograph: (News Nation)

Mahakumbh 2025: इस बार महाकुंभ मेले को लेकर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में खास तैयारियां की जा रही हैं. योगी सरकार 144 साल बाद लगने जा रहे महाकुंभ मेले को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए करोड़ों रुपय भी खर्च कर रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार 4 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी महाकुंभ 2025 के दौरान दर्ज किए जाएंगे. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि महाकुंभ, अर्ध कुंभ और पूर्ण कुंभ मेले में क्या अंतर होता है. इनका धार्मिक महत्व क्या है और ये कहां आयोजित होते हैं. 

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अर्ध कुंभ (Ardh Kumbh)

अर्ध कुंभ महाकुंभ का आधा आयोजन होता है और ये हर 6 साल में आयोजित किया जाता है. महाकुंभ के मुकाबले ये थोड़े छोटे पैमाने पर होता है. इसका धार्मिक महत्व भी बहुत ज्यादा है. अर्ध कुंभ मेला उन स्थानों पर आयोजित होता है जहां महाकुंभ हुआ था. अर्ध कुंभ में स्नान करने से भी पापों से मुक्ति मिलती है, लेकिन इसे महाकुंभ जितना बड़ा आयोजन नहीं माना जाता.

पूर्ण कुंभ (Purna Kumbh)

पूर्ण कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आता है. हिंदू धर्म के अनुसार, कुंभ मेला में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है जो मोक्ष की ओर मार्गदर्शन करता है. इस दौरान किए गए स्नान से पापों का नाश होता है.

महाकुंभ (Maha Kumbh)

12 पूर्ण कुंभ मेलों के बाद 144 साल में एक बार जो कुंभ मेला लगता है उसे महाकुंभ कहते हैं. महाकुंभ कुंभ मेला का सबसे बड़ा मेला होता है, जिसका आयोजन चार प्रमुख स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक में पवित्र नदियों के संगम स्थल में से किसी एक स्थान पर ग्रहों की स्थिति के अनुसार किया जाता है. महाकुंभ का धार्मिक महत्व अत्यधिक होता है क्योंकि इस समय पवित्र नदियों में स्नान करने से लोगों को असंख्य पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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