Gupt Navratri 2025: माघ नवरात्रि कल से शुरू हो रहे हैं. हिंदू धर्म में नवरात्रि दो प्रकार के होते हैं – गुप्त नवरात्रि और प्रत्यक्ष नवरात्रि। दोनों का उद्देश्य एक ही है, लेकिन इन दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं. चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन माघ और आषाढ़ माह में पड़ने वाले नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. अब इन दोनों के बीच मुख्य अंतर क्या है आइए समझते हैं.
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri)
गुप्त नवरात्रि (माघ और आषाढ़ माह में आने वाले) विशेष रूप से व्यक्तिगत साधना और ध्यान के लिए होती है, जिसे अधिकतर घरों में सादगी से मनाया जाता है. लोग आंतरिक शांति और आत्मबल के लिए देवी की उपासना करते हैं. इस दौरान उपासक विशेष रूप से अपनी साधना को गोपनीय रखते हैं, ताकि उनका ध्यान भंग न हो. ये समय मन, वचन और शरीर की पवित्रता को साधने का होता है.
प्रत्यक्ष नवरात्रि (Navratri)
चैत्र और शारदीय नवरात्रि को प्रत्यक्ष नवरात्रि कहा जाता है, जिसे सार्वजनिक रूप से मनाके हैं. इसमें श्रद्धालु देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। इसमें अधिकतर पूजा-अर्चना, हवन और भव्य आयोजन होते हैं. ये नवरात्रि विजय, शक्ति और शांति के लिए होते हैं, और इस समय कई लोग व्रत रखते हैं और देवी के इन नौ रूपों की पूजा करते हैं.
मुख्य अंतर की बात करें तो गुप्त नवरात्रि साधना और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए होते हैं, जबकि प्रत्यक्ष नवरात्रि आमतौर पर सार्वजनिक पूजा, हवन और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाए जाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)