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Sanatan Dharm: सनातन धर्म क्या है, जानिए इसके 10 नियम, जीवन में मिलेगा लाभ

Sanatan Dharma: सनातन धर्म, जिसे हिंदू धर्म के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया का सबसे पुराना धर्म है. यह शब्द संस्कृत से आया है, जिसका अर्थ है "शाश्वत" या "निरंतर". सनातन धर्म में कई देवी-देवता, धर्मग्रंथ, दर्शन और परंपराएं शामिल हैं.

Updated on: 13 Apr 2024, 01:10 PM

नई दिल्ली :

Sanatan Dharma: सनातन धर्म, दुनिया का सबसे पुराना धर्म है. यह एक जटिल और बहुआयामी धर्म है जिसमें कई अलग-अलग परंपराएं, दर्शन और ग्रंथ हैं. यह एक विश्वास, दर्शन और परंपराओं का समूह है जो हजारों वर्षों से विकसित हुआ है. सनातन धर्म में एक ईश्वर का विश्वास है, जिसे ब्रह्म कहा जाता है. ब्रह्म अनंत, सर्वशक्तिमान, और सर्वव्यापी है. सनातन धर्म का मतलब है 'अनादि' या 'अनंत'. यह धर्म जीवन के हर क्षेत्र में व्याप्त है, जैसे धार्मिक अनुष्ठान, संगीत, कला, संस्कृति, विज्ञान, और दर्शन. इसका मूल उद्देश्य मनुष्य को धार्मिक, आध्यात्मिक, और आदर्श जीवन जीने में मदद करना है. यह धर्म भक्ति, कर्म, ज्ञान, और वैराग्य की चार योग्यों को मानता है. सनातन धर्म विविधता में एकता को स्वीकार करता है और सभी धर्मों और सम्प्रदायों को सम्मान देता है.

सनातन धर्म के नियम

1. कर्म: कर्म का अर्थ है "कार्य" या "कर्म". यह सनातन धर्म का एक केंद्रीय सिद्धांत है जो कहता है कि हर कर्म का एक परिणाम होता है. अच्छे कर्म अच्छे परिणाम लाते हैं, जबकि बुरे कर्म बुरे परिणाम लाते हैं.

2. पुनर्जन्म: पुनर्जन्म का अर्थ है मृत्यु के बाद आत्मा का एक नए शरीर में जन्म लेना. यह सनातन धर्म का एक और महत्वपूर्ण सिद्धांत है जो कहता है कि आत्मा अमर है और मृत्यु के बाद भी वह कई जन्मों में चक्रित होती रहती है.

3. मोक्ष: मोक्ष का अर्थ है जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति. यह सनातन धर्म का अंतिम लक्ष्य है. मोक्ष प्राप्त करने के लिए, व्यक्ति को कर्म, ज्ञान और भक्ति का मार्ग अपनाना होता है.

4. चार वेद: वेद सनातन धर्म के सबसे प्राचीन और पवित्र ग्रंथ हैं. इनमें ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद शामिल हैं. इन ग्रंथों में मंत्र, स्तोत्र, अनुष्ठान और दर्शन शामिल हैं.

5. उपनिषद: उपनिषद वेदों के अंतिम भाग हैं और इन्हें वेदांत दर्शन भी कहा जाता है. इनमें आत्मा, ब्रह्म, और मोक्ष जैसे विषयों पर गहन विचार किए गए हैं.

6. छह दर्शन: सनातन धर्म में छह मुख्य दर्शन हैं: सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और वेदांत. ये दर्शन विभिन्न विषयों पर विचार करते हैं जैसे कि वास्तविकता की प्रकृति, ज्ञान की प्रकृति, और मुक्ति प्राप्त करने का मार्ग.

7. धर्म: धर्म का अर्थ है "नैतिकता" या "कर्तव्य". सनातन धर्म में चार मुख्य वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र) और चार आश्रमों (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास) के लिए अलग-अलग धार्मिक कर्तव्यों का उल्लेख है.

8. पूजा: पूजा सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसमें देवी-देवताओं की पूजा करना, मंत्रों का जाप करना, और अनुष्ठान करना शामिल है.

9. त्यौहार: सनातन धर्म में कई त्यौहार मनाए जाते हैं जो विभिन्न देवी-देवताओं और घटनाओं को याद करते हैं. कुछ प्रमुख त्योहारों में होली, दिवाली, दशहरा, गणेश चतुर्थी और नवरात्रि शामिल हैं.

10. योग: योग सनातन धर्म का एक प्राचीन अभ्यास है जो मन, शरीर और आत्मा को एकजुट करने पर केंद्रित है. इसमें आसन (शारीरिक मुद्राएं), प्राणायाम (श्वसन नियंत्रण), और ध्यान शामिल हैं.

सनातन धर्म में विविधता बहुत अधिक है और सभी लोग इन सभी नियमों का पालन नहीं करते हैं. सनातन धर्म में कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु, शिव, दुर्गा, लक्ष्मी, और सरस्वती शामिल हैं. सनातन धर्म में गाय को पवित्र जानवर माना जाता है. सनातन धर्म में अहिंसा (अहिंसा) को एक महत्वपूर्ण गुण माना जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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