Kharmas: साल के इस समय शुभ कार्यों में मत डालिएगा हाथ, हो सकती है हानि

Kharmas: खरमास साल में दो बार लगता है. एक बार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और दूसरा जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं. आईए आपको बतातें हैं कि साल के इस समय शुभ कार्यों क्यों नहीं करने चाहिए.

Kharmas: खरमास साल में दो बार लगता है. एक बार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और दूसरा जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं. आईए आपको बतातें हैं कि साल के इस समय शुभ कार्यों क्यों नहीं करने चाहिए.

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Inna Khosla
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what is kharmas and why is it considered inauspicious

Kharmas( Photo Credit : News Nation )

Kharmas: खरमास हिंदू धर्म में ज्योतिष से जुड़ी एक अवधारणा है. ज्योतिषियों के अनुसार, साल में दो बार खरमास का समय आता है. पहला तब, जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं. दूसरा तब, जब सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करते हैं. धनु और मीन राशि दोनों के स्वामी देवगुरु बृहस्पति माने जाते हैं. खरमास का महीना हिन्दू पंचांग में एक माह होता है जो चैत्र मास के अंत से अग्रसर होता है और ज्येष्ठ मास के शुरू होने से खत्म होता है. इस महीने में हिन्दू धर्म में विवाह, गृह प्रवेश, मुहूर्त, यज्ञ आदि कार्य नहीं किए जाते हैं. खरमास में विशेष तरह के धार्मिक और अनुष्ठानिक कार्यों को विशेष रूप से अच्छा नहीं माना जाता है. इस महीने में अनुष्ठानिक कार्य करने से लोग धार्मिक विघ्नों का सामना कर सकते हैं.

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खरमास कब शुरू होगा?

14 मार्च 2024 को दोपहर 3:12 बजे सूर्य के कुंभ से मीन राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास शुरू होगा.

खरमास कब समाप्त होगा?

13 अप्रैल 2024 को रात 9:03 बजे सूर्य के मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास समाप्त होगा.

खरमास में क्या कार्य नहीं किए जाते हैं?

विवाह, मुंडन, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, भूमि पूजन जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.

नए घर में प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करना, नया वाहन खरीदना आदि भी टाल दिया जाता है.

खरमास में क्या कार्य किए जा सकते हैं?

दान, जप, तप, स्नान, पूजा-पाठ आदि धार्मिक कार्य किए जाते हैं.

भगवान सूर्य की उपासना विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है.

ब्राह्मण, गुरु, गाय और साधु-सन्यासियों की सेवा का महत्व भी बढ़ जाता है.

खरमास के बारे में कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें भी जान लें. खरमास को देवताओं का सोने का समय माना जाता है. इस समय में किए गए दान का फल कई गुना बढ़ जाता है. खरमास में किए गए जप-तप का विशेष महत्व है.

यह भी ध्यान देना जरूरी है कि ज्योतिष शास्त्र में खरमास का विशेष महत्व है. खरमास में किए गए कार्यों का फल ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर भिन्न हो सकता है. अगरआप खरमास में कोई महत्वपूर्ण कार्य करना चाहते हैं, तो ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होगा. खरमास को देवताओं के विश्राम का समय माना जाता है. इस दौरान किए गए दान और जप-तप के फल को कई गुना बढ़कर मिलने की मान्यता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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