Importance of Aachman: हिन्दु धर्म में आचमन का क्या मतलब है? जानें इसके महत्व, विधि और लाभ

Importance of Aachman: हिंदू धर्म में किसी भी प्रकार के यज्ञ, हवन, शुभ या मांगलिक कार्य से पहले पूजा करते हैं और इन सबके बीच आती है आचमन करने की परंपरा है. आइए जानते हैं हिंदू धर्म में आचमन करने की क्या परंपरा है और इसका महत्व.

author-image
Inna Khosla
New Update
Importance of Aachman

Importance of Aachman( Photo Credit : News Nation)

Importance of Aachman: आचमन का महत्व पूजा में अत्यंत उच्च माना जाता है क्योंकि यह शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक होता है. आचमन से पूजा करने वाला अपने मन, वचन, और क्रिया को पवित्र और शुद्ध बनाता है, जिससे उनकी पूजा व्यावसायिक रूप से संपन्न होती है और देवी-देवताओं को प्रसन्न करने में सहायक होती है. इसलिए, बिना आचमन के पूजा को अधूरा माना जाता है, क्योंकि यह पूर्णता की कमी को दर्शाता है और दिव्यता के अनुरूप नहीं होता.

Advertisment

आचमन क्या होता है?

आचमन एक प्रकार का धार्मिक अभ्यास है जो हिन्दू धर्म में पाया जाता है. इसमें व्यक्ति एक शुद्ध प्रकार से पानी का प्रयोग करके अपने मुख को धोता है और उस पानी को पीता है. यह प्रार्थना और पूजा के पहले किया जाता है और इसे अपनी शुद्धता की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. आचमन का प्रयोग पूजा, हवन, व्रत आदि धार्मिक क्रियाओं में किया जाता है.

हिन्दु धर्म में क्या है आचमन का महत्व?

हिंदू धर्म में आचमन का बहुत महत्व है. आचमन को पूजा-पाठ से पहले एक महत्वपूर्ण क्रिया माना जाता है. आचमन के अनेक लाभ हैं, जिनमें शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों शामिल हैं. आचमन करने से शारीर में पाचन क्रिया बेहतर होती है, शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, त्वचा स्वस्थ और चमकदार होती है और मुंह और दांतों की सफाई होती है. वहीं आध्यात्मिक तौर पर मन शांत और एकाग्र होता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

क्या है आचमन करने की विधि:

  •  सबसे पहले, हाथों को अच्छी तरह से धो लें.
  •  फिर, दाएं हाथ में थोड़ा सा पानी लें.
  •  पानी को तीन बार हथेली में लेकर, 'ॐ गंगाय नमः' मंत्र का उच्चारण करते हुए पानी को पी लें.
  •  इसके बाद, बाएं हाथ में थोड़ा सा पानी लें.
  •  पानी को तीन बार हथेली में लेकर, 'ॐ यमुनाय नमः' मंत्र का उच्चारण करते हुए पानी को पी लें.
  •  अंत में, दोनों हाथों में थोड़ा सा पानी लें.
  •  पानी को तीन बार हथेली में लेकर, 'ॐ सरस्वत्यै नमः' मंत्र का उच्चारण करते हुए पानी को पी लें.

क्या है आचमन का समय:

  •  आचमन को पूजा-पाठ से पहले करना चाहिए.
  •  स्नान करने के बाद आचमन करना चाहिए.
  •  भोजन करने से पहले करना चाहिए.
  •  किसी भी शुभ कार्य से पहले करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Vastu Tips for Car Parking: वास्तु के अनुसार इस दिशा में करें कार पार्क, किस्मत बदलते नहीं लगेगा देर

Advertisment

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

रिलिजन न्यूज Religion News in Hindi vidhi Religion Religion News worship mudra Aachman Achman mantra Achman Benefits importance of Achman method of Achman Achman in worship
Advertisment