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VAstu Tips for Temple at Home( Photo Credit : social media )
Vastu Tips: कहते हैं एक बार जिस पर ऊपर वाले की कृपा हो जाए उसे फिर कभी किसी बात की चिंता नहीं होती. कई बार हम जाने अनजाने में कुछ ऐसी भूल कर बैठते हैं जिस कारण भगवान की कृपा मिलने में देर हो जाती है. हिंदू शास्त्रों में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लाखों उपाय बताए गए हैं. पूजा मंदिर में की जाती है और घर का मंदिर अगर वास्तु के नियमों के अनुसार सही दिशा में हो तो आप पर भगवान की ना सिर्फ कृपा होती है बल्कि आपको मनचाह वरदान पाने में भी समय नहीं लगता. मंदिर का वास्तु अगर आपने अपने घर में ठीक कर लिया तो आपकी आधी से ज्यादा समस्याओं का निवारण हो जाएगा. मंदिर से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो व्यक्ति के स्वास्थ्य से लेकर घर की सुख शांति और जीवन में तरक्की का कारक होता है. तो आइए जानते हैं कि प्रभु कृपा पाने के लिए आपको घर में मंदिर की स्थापना करते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए.
मंदिर की सही दिशा:
पूर्व दिशा: मंदिर को पूर्व दिशा में रखना वास्तु के अनुसार शुभ होता है. पूर्व दिशा सूर्य की दिशा होती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है.
उत्तर दिशा: अगर पूर्व दिशा में मंदिर नहीं रख सकते हैं, तो उत्तर दिशा भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है. उत्तर दिशा धन और श्री के लिए शुभ मानी जाती है.
पूजा स्थान की सबसे ऊंची जगह: मंदिर को घर के सबसे ऊचे स्थान पर रखना अच्छा है, ताकि वह सभी को देख सके और ऊँचाई से आती शक्तियाँ घर में प्रवेश करें.
नियम और सुझाव:
साफ-सुथरा रखें: मंदिर और पूजा स्थल को सदैव साफ-सुथरा रखें। गंदगी और अशुद्धि से बचने के लिए नियमित रूप से सफाई करें.
दूर्वास्तु का पालन करें: मंदिर में किसी भी प्रकार के दूर्वास्तु को न लाएं और पूजा सामग्री को पवित्र रखें.
प्रतिदिन पूजा करें: मंदिर में नियमित रूप से पूजा करना चाहिए। इससे घर में शांति और पौराणिक ऊर्जा का संचार होता है.
धूप और दीपक: पूजा समय में धूप और दीपक का उपयोग करना चाहिए। यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है और घर को प्राकृतिक रूप से सुगंधित करता है.
मंदिर की सुंदरता: मंदिर को सुंदर और आकर्षक बनाए रखने के लिए उचित सामग्री का उपयोग करें.
हर साल बड़ी पूजा करें: विशेषकर नए घर में, प्रतिवर्ष एक बड़ा पूजा महोत्सव आयोजित करने से घर में पौराणिक ऊर्जा का संचार होता है.
मंदिर में स्वयं जाएं: नियमित रूप से मंदिर में स्वयं जाना और वहां ध्यान और ध्येय के साथ बिताए गए समय से घर को आत्मिक शक्ति मिलती है.
नकारात्मक ऊर्जा से बचें: मंदिर को घर के दक्षिण दिशा में न रखें और उच्चस्तरीय चीजों से सौभाग्य होता है.
पूजा स्थल को विशेष बनाएं: पूजा स्थल को विशेषता से बनाएं और उसे अन्य क्षेत्रों से अलग रखें.
इन नियमों और सुझावों का पालन करके आप अपने घर को पौराणिक ऊर्जा से भर सकते हैं और सुख-शांति का अनुभव कर सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau