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Beliefs Of Muslim Religion: मुस्लिम धर्म की मान्यताएं क्या है, जानें इस्लाम से जुड़ी हर बात 

Beliefs Of Muslim Religion: मुस्लिम धर्म की मान्यताएँ क्या हैं? अगर आपके मन में भी ये सवाल है तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी हर बात.

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Inna Khosla
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Beliefs Of Muslim Religion

Kya Kehta Hai Islam( Photo Credit : Social Media)

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Beliefs Of Muslim Religion: मुस्लिम धर्म, जिसे इस्लाम धर्म भी कहा जाता है, एक अध्यात्मिक और सामाजिक धार्मिक पद्धति है जिसका मुख्य उद्देश्य अल्लाह (खुदा) के सामर्थ्य, एकता, और प्रेम के संदेश का प्रचार और अनुसरण करना है. मुस्लिम धर्म के अनुयायी को मुसलमान कहा जाता है. इस्लाम धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक है कुरान, जो अल्लाह के द्वारा पैगंबर मुहम्मद के माध्यम से प्रकटित हुआ है. कुरान में अल्लाह के सिद्धांत, मानवता के मूल्यों, और नैतिकता के निर्देश शामिल हैं. मुस्लिम धर्म में ईमान, नेकी, और सच्चाई के मूल्यों को महत्व दिया जाता है. यह धर्म भक्ति, श्रद्धा, और सच्चाई के माध्यम से अल्लाह के प्रति समर्पित होता है.

एकेश्वरवाद

मुस्लिम धर्म में सबसे महत्वपूर्ण मान्यता यह है कि केवल एक ही ईश्वर है, जिसे अरबी में "अल्लाह" (Allah) कहा जाता है. अल्लाह सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, और सर्वव्यापी है.

नबी मुहम्मद

मुसलमान मानते हैं कि हजरत मुहम्मद अल्लाह के अंतिम पैगंबर थे. उन्हें ईश्वर ने मानवता को सही मार्ग दिखाने के लिए भेजा था. कुरान हजरत मुहम्मद को दी गई ईश्वरीय वाणी है.

कुरान

मुसलमानों का मानना है कि कुरान अल्लाह की ओर से भेजा गया पवित्र ग्रंथ है.  यह अरबी भाषा में लिखा गया है और इसमें अल्लाह के आदेश और मार्गदर्शन दिए गए हैं.

ईमान

ईमान का अर्थ है अल्लाह, उसके नबियों, कुरान, और स्वर्ग-नर्क पर विश्वास करना. मुस्लिम लोगों के लिए ईमान का अर्थ है कि उन्हें पैगंबरों के संदेश पर विश्वास करना चाहिए, जैसे कि मुहम्मद का सन्देश.  ईमान का एक अहम हिस्सा है कि उन्हें कुरान और अन्य धार्मिक ग्रंथों पर भी विश्वास करना चाहिए.

इस्लाम के पांच स्तंभ

इस्लाम के पांच स्तंभ (Five Pillars of Islam) उस धर्मिक प्रक्रिया को दर्शाते हैं जो मुस्लिम धर्म के अनुयायियों को धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. ये पांच स्तंभ हैं शहादत, सलात, ज़कात, सौम और हज 

शहादत (Shahada): यह मुस्लिम धर्म का मूलमंत्र है, जिसमें विश्वास का घोषणा किया जाता है कि "ला इलाहा इल्ललाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह" (अर्थात् "अल्लाह के सिवा कोई भी पूजने योग्य नहीं है और मुहम्मद उनका पैगंबर है"). यह आत्मा की पुनर्जन्म के लिए जरूरी माना जाता है.

सलात (Salah): सलात या नमाज मुस्लिम धर्म में धार्मिक प्रार्थना का माध्यम है. मुस्लिम धर्म के अनुयायियों को प्रतिदिन पाँच बार नमाज पढ़ने की आवश्यकता होती है.

ज़कात (Zakat): ज़कात मुस्लिम समुदाय के लिए धर्मिक दान का रूप है. यह सामाजिक समर्थन और गरीबों की मदद के लिए निर्धारित धन का प्रदान करने का प्रक्रिया है.

सौम (Sawm): सौम या रोज़ा, मुस्लिम समुदाय के द्वारा माह-ए-रमज़ान में उपवास का पालन करने का प्रकार है. इसमें रोज़ादार लोग रोज़ेदारी के दौरान दिन के समय भोजन, पानी और अन्य प्रसाद नहीं करते हैं.

हज (Hajj): हज एक धार्मिक पर्वतीय यात्रा है जो एक साल में एक बार मक्का के प्रांत में की जाती है. यह एक मुस्लिम के जीवन में एक बार होने वाला प्रमुख कार्य है जो उसके आत्मा को शुद्धि और शांति प्रदान करता है.

मृत्यु के बाद का जीवन

मुसलमान मानते हैं कि मृत्यु के बाद सभी को जवाबदेही के लिए अल्लाह के सामने पेश होना होगा. अच्छे लोगों को स्वर्ग और बुरे लोगों को नर्क भेजा जाएगा.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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Source : News Nation Bureau

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