Mahakumbh Myths: महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है जो हर 12 साल में एक बार लगता है. इस मेले में लाखों करोड़ो श्रद्धालु हर बार आते हैं. इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ के दौरान 40 से 45 करोड़ लोग प्रयागराज पहुंचेंगे. अमृत कलश का पतन, पाप मोचन का अचूक उपाय और महाकुंभ में डुबकी लगाने से तुरंत मोक्ष प्राप्त हो जाता है ऐसे कई मिथक महाकुंभ से जुड़े हैं. इनकी सच्चाई क्या है और 10 सबसे प्रसिद्ध मिथक क्या हैं आइए जानते हैं.
1. मिथक महाकुंभ केवल हिंदुओं का त्योहार है. लेकिन ऐसे नहीं है, महाकुंभ में न केवल हिंदू धर्म के अनुयायी बल्कि कई अन्य धर्मों और देशों से भी लोग शामिल होते हैं. यह आयोजन मानवता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है.
2. मिथक महाकुंभ में स्नान करने से पापों का नाश होता है. जबकि सच ये है कि महाकुंभ में स्नान को पवित्र माना जाता है. यह केवल एक धार्मिक और आध्यात्मिक विश्वास है. असली पाप और पुण्य इंसान के कर्मों पर निर्भर करते हैं. स्नान केवल आस्था को मजबूत करता है.
3. मिथक महाकुंभ में केवल साधु-संतों का वर्चस्व होता है. हालांकि साधु-संत महाकुंभ का एक अहम हिस्सा होते हैं, लेकिन इसमें आम लोग, पर्यटक और भक्त भी बड़ी संख्या में भाग लेते हैं. तो ये मिथक पूरी तरह से भ्रांति फैला रहा है.
4. मिथक महाकुंभ में शाही स्नान का दिन सबसे शुभ होता है. सच्चाई ये है कि शाही स्नान को विशेष महत्व दिया गया है, लेकिन कुंभ के अन्य दिनों में स्नान भी उतना ही पवित्र माना जाता है. हर दिन का महत्व भक्तों की आस्था और श्रद्धा पर निर्भर करता है.
5. मिथक महाकुंभ केवल गंगा नदी पर आयोजित होता है. सच ये है कि महाकुंभ का आयोजन चार स्थानों पर होता है हरिद्वार (गंगा), प्रयागराज (गंगा, यमुना, सरस्वती संगम), उज्जैन (शिप्रा) और नासिक (गोदावरी).
6. मिथक महाकुंभ केवल बुजुर्गों के लिए है. जबकि सच्चाई कुछ और है. महाकुंभ में हर आयु वर्ग के लोग शामिल होते हैं. यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.
7. मिथक महाकुंभ में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं होती. सच्चाई क्या है, महाकुंभ के दौरान सुरक्षा, चिकित्सा और अन्य व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाता है. यह दुनिया के सबसे सुव्यवस्थित आयोजनों में से एक है.
8. मिथक महाकुंभ में साधु-संत चमत्कार करते हैं. ऐसा कहने वाले तो आपको बहुत लोग मिल जाएंगे. महाकुंभ साधना और साधुओं के तप का परिचायक है. चमत्कारों की कहानियां केवल मान्यताओं और किंवदंतियों का हिस्सा हैं.
9. मिथक महाकुंभ में भीड़ के कारण जाना असंभव है. हालांकि भीड़ बहुत होती है, लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से यातायात और ठहरने के लिए विस्तृत व्यवस्था की जाती है. इस बार तो सालभर पहले से ही
10. मिथक कुंभ में बिना ज्योतिषीय सलाह के स्नान व्यर्थ है. सच्चाई ये है कि भले ही कुंभ का समय ज्योतिषीय गणना से तय होता है, लेकिन स्नान और पूजा आस्था का विषय है. इसे किसी भी दिन श्रद्धापूर्वक किया जा सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)