logo-image

Vishwakarma Puja 2022 Shubh Muhurt: आज विश्वकर्मा पूजन से होगा आपके सभी कष्टों का अंत, कारखानों में काम करने वालों की होगी धड़ल्ले से उन्नति

Vishwakarma Puja 2022 Shubh Muhurt: आज 17 सितंबर 2022 को भगवान विश्वकर्मा का जन्मोत्सव यानी विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विश्वकर्मा और अपने काम के औजारों, मशीनों, उपकरणों आदि की पूजा का विधान होता है.

Updated on: 17 Sep 2022, 02:44 PM

नई दिल्ली :

Vishwakarma Puja 2022 Shubh Muhurt: हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के सृजनकर्ता और प्रथम शिल्पकार के रूप में जाना जाता है. मान्यता है कि प्राचीन काल में देवी-देवताओं के औजार, अस्त्र-शस्त्रों और भवनों का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा द्वारा किया गया था. आज 17 सितंबर 2022 को भगवान विश्वकर्मा का जन्मोत्सव यानी विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विश्वकर्मा और अपने काम के औजारों, मशीनों, उपकरणों आदि की पूजा का विधान होता है. मान्यता है कि इससे भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होकर आपके कारोबार में वृद्धि और तरक्की का आशीर्वाद देते हैं.  ऐसे में आइए जानते हैं विश्वकर्मा पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में.

यह भी पढ़ें: Kanya Sankranti 2022 Upay: कन्या संक्रांति पर किये गए इन उपायों से सूर्य देव की भरपूर बरसेगी कृपा, मान सम्मान में वृद्धि के साथ होंगे ये लाभ

विश्वकर्मा पूजा 2022 शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja 2022 Shubh Muhurt)
पंचांग के अनुसार हर साल कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है. इस साल आज शनिवार, 17 सितंबर 2022 को विश्वकर्मा पूजा है. ज्योतिष अनुसार इस दिन पूजा के तीन शुभ मुहूर्त हैं.

सुबह का मुहूर्त-  7 बजकर 39 मिनट से 9 बजकर 11 मिनट तक
दोपहर का मुहूर्त- 1 बजकर 48 मिनट से 3 बजकर 20 मिनट तक
तीसरा मुहूर्त- 3 बजकर 20 मिनट से 4 बजकर 52 मिनट तक 

मान्यताओं के मुताबिक, विश्वकर्मा जी ने ही स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, द्वारिका नगरी, यमपुरी, कुबेरपुरी आदि का निर्माण किया था. इतना ही नहीं श्रीहरि भगवान विष्णु के लिए सुदर्शन चक्र और भोलेनाथ के लिए त्रिशूल भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था. इसके साथ ही सतयुग का स्वर्गलोक, त्रेता की लंका और द्वापर युग की द्वारका की रचना भी भगवान विश्वकर्मा ने ही की थी. इसीलिए भगवान विश्वकर्मा को संसार का सबसे पहला और बड़ा इंजीनियर कहा जाता है. इस दिन सभी कारखानों और औद्योगिक संस्थानों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है.