Vishwakarma Puja 2020: कल मनाई जाएगी विश्वकर्मा जयंती, जानें पूजा-विधि और महत्व
इस साल विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर को मनाई जाएगी. विश्वकर्मा पूजा को विश्वकर्मा जयंती, बिश्वकर्मा पूजा और बिस्वा कर्मा के नाम से जाना जाता है. यह बंगाली महीने भद्रा के आखिरी दिन पड़ती है. भ
नई दिल्ली:
इस साल विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja 2020) 16 सितंबर को मनाई जाएगी. विश्वकर्मा पूजा को विश्वकर्मा जयंती, बिश्वकर्मा पूजा और बिस्वा कर्मा के नाम से जाना जाता है. यह बंगाली महीने भद्रा के आखिरी दिन पड़ती है. भद्रा को को कन्या संक्रांति भी कहते है. इस दिन हिन्दुत्व के सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार विश्वकर्मा के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है.
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विश्वकर्मा की चर्चा रामायण में आती है, जब हनुमान के आग लगाने देने के बाद रावन की सोने की लंका का निर्माण किया था. ऋगवेद में विश्वकर्मा को बढ़ई(लकड़ी का काम करने वाला) बताया गया है. जिन्होंने स्थापत्य वेद की रचना की. इस वेद में विविध प्रकार की कलाओं तथा हस्तशिल्पों की डिजाइन और सिद्धान्त का विवेचन किया गया है इस दिन देश के विभिन्न राज्यों में, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों, फैक्ट्रियों, लोहे की दुकान, वाहन शोरूम, सर्विस सेंटर आदि में भगवान विश्वकर्मा की पूजा होती है.
विश्वकर्मा दिवस सितंबर या अक्टूबर में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड, बिहार, त्रिपुरा और ओडिशा जैसे राज्यों में मनाया जाता है. इन राज्यों में भगवान विश्वकर्मा की भव्य मूर्ति स्थापित की जाती है और उनकी आराधना की जाती है.
पूजा करने की विधि-
- स्नान करके अपने कार्यस्थल पर जाकर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करें.
- दाहिने हाथ में फूल, अक्षत लेकर मंत्र पढ़े और अक्षत को चारों ओर छिड़के दें और फूल को जल में छोड़ दें.
- ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:, ॐ अनन्तम नम:, ॐ पृथिव्यै नम: मंत्र पढ़ें.
- पूजा के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों आदि को जल, रोली, अक्षत, फूल और मिठाई से पूजें.
- इस दिन वातावरण में शुद्धि के लिए हवन भी जरूर करना चाहिए.
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