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Vishwakarma Jayanti 2024: आज विश्वकर्मा जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप, नए बिज़नेस और प्रोपर्टी की होगी शुरुआत

Vishwakarma Jayanti 2024: भगवान विश्वकर्मा हिन्दू धर्म में स्थानीय देवता हैं, जो शिल्पकला, उद्योग, और शिल्पीकरण के देवता के रूप में पूजे जाते हैं. उन्हें 'विश्वकर्मा' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है 'संसार के कर्ता'. विश्वकर्मा देवता ने हमारे सामा

Updated on: 22 Feb 2024, 11:34 AM

नई दिल्ली :

Vishwakarma Jayanti 2024: भगवान विश्वकर्मा हिन्दू धर्म में स्थानीय देवता हैं, जो शिल्पकला, उद्योग, और शिल्पीकरण के देवता के रूप में पूजे जाते हैं. उन्हें 'विश्वकर्मा' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है 'संसार के कर्ता'. विश्वकर्मा देवता ने हमारे सामाजिक और आर्थिक जीवन में शिल्प और उद्योग का महत्व माना जाता है. भगवान विश्वकर्मा को शिल्पकला के सृष्टिकर्ता, वस्तुनिर्माण के प्रेरणास्त्रोत, और उद्योग के प्रबंधक के रूप में पूजा जाता है. उनके पूजन से लोग शिल्प और उद्योग की सफलता की कामना करते हैं. विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है और इसे विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व साल के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाता है, जब लोग अपने उद्योग, कार्यशाला, और कारखानों को साफ-सुथरा करते हैं और उन्हें उपहार और आशीर्वादों के साथ भगवान विश्वकर्मा को समर्पित करते हैं. भगवान विश्वकर्मा का आदर्श उदाहरण है और उनकी पूजा से लोग उद्योग, शिल्प, और वस्तुनिर्माण में सफलता प्राप्त करने की कामना करते हैं.

मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा के कुछ मंत्रों का उच्चारण करने से उनके भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं. ये मंत्र उनके कार्यों में सफलता, सुरक्षा, और सुख-शांति के लिए प्रयोग किए जाते हैं. यहां भगवान विश्वकर्मा के 10 मंत्र और उनके लाभ दिए जा रहे हैं:

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं विश्वकर्माय नमः:

लाभ: कार्यों में सफलता, विजय, और उत्तम संपत्ति की प्राप्ति.

ॐ विश्वकर्माय विद्महे वस्तुनिर्माणाय धीमहि तन्नो विश्वकर्म: प्रचोदयात्.

लाभ: उत्तम शिल्पकला और वस्तुनिर्माण में सफलता.

ॐ ह्रीं विश्वकर्माय स्वाहा:

लाभ: नई उद्योगिक प्रक्रियाओं और व्यवसायों में सफलता.

ॐ विश्वकर्माय नमः:

लाभ: नए परियोजनाओं और व्यापार में सफलता के लिए आशीर्वाद.

ॐ क्रीं विश्वकर्माय नमः:

लाभ: शिल्पकला में निपुणता, उत्कृष्टता, और सफलता.

ॐ विश्वकर्माय स्वाहा:

लाभ: अच्छे कार्यक्षेत्र में स्थायित्व और समृद्धि.

ॐ विश्वकर्माय ह्रीं नमः:

लाभ: शिल्पीकरण और वस्तुनिर्माण में उत्तम विद्युत की सुरक्षा.

ॐ विश्वकर्माय विद्महे स्वर्णपुष्पाय धीमहि तन्नो विश्वकर्म: प्रचोदयात्.

लाभ: उत्तम शिल्पकला और रचनात्मकता में सफलता के लिए प्रेरणा.

ॐ विश्वकर्माय नमः श्रीं:

लाभ: उत्तम व्यवसाय और कार्य में सफलता के लिए आशीर्वाद.

ॐ ह्रीं क्लीं विश्वकर्माय नमः:

लाभ: सफल और सुरक्षित व्यवसाय, उत्पादन, और उत्तम निर्माण के लिए संबंधित आधिकारिकता.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)