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माघ माह का पहला गुरुवार, भगवान विष्णु की स्तुति से पापों का होता है नाश 

इस माह में गंगा स्नान, दान, तप और जप आदि से जीवन में शांति और उन्नति के रास्ते खुल जाते हैं.नए माह माघ में भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व है.

Updated on: 20 Jan 2022, 09:26 AM

highlights

  • गंगा स्नान, दान, तप और जप आदि से जीवन में शांति और उन्नति के रास्ते खुल जाते हैं
  • गंगा स्नान, भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व है

नई दिल्ली:

हिंदू कैलेंडर में माघ माह (Magh Month) का विशेष महत्व है. इसकी शुरुआत हो चुकी है. माघ माह अति पवित्र और मोक्षदायक की श्रेणी में  रखा गया है. इस माह भगवान विष्णु (Lord Vishnu), भगवान सूर्य देव (Surya Dev) और मां गंगा की पूजा (Maa Ganga Puja) का खास महत्व माना जाता है. इस माह में गंगा स्नान, दान, तप और जप आदि से जीवन में शांति और उन्नति के रास्ते खुल जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि माघ माह के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. माघ के पूरे माह लोग प्रयागराज में नदी के तट पर निवास करते हैं. इस दौरान नियमित रूप से गंगा में स्नान और पूजन का विधान है. इसे कल्पवास भी कहा जाता है. ऐसा करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसा कहा जाता है कि इस माह गंगा स्नान करने के दौरान मां गंगा की स्तुति (Maa Ganga Stuti) और स्तोत्र का पाठ करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष मिलता है. 

नए माह माघ (Magh Month) में गंगा स्नान, भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व है. ऐसा कहते है कि इस माह में जो लोग संगम तट पर कल्पवास (Magh Month Kalpwas) किया करते हैं वे भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप का पूजन करते हैं. गुरुवार का दिन श्री हरि को समर्पित होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. व्रत के साथ आरती भी करनी चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 

भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को सृष्टि का पालनहार कहा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि श्री हरि (Shri Hari) ही इस दुनिया को चलाते हैं. ऐसे में हर दिन की शुरुआत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के नाम के साथ होनी चाहिए. इससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. मगर आप नियमित रूप से ऐसा नहीं कर सकेंगे. ऐसे में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की अवश्य पूजा (Lord Vishnu Puja) करनी चाहिए.