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Vastu tips for Negative Energy: कुंडली का ये ग्रह दोष बनाता है नेगेटिव, जाने नकारात्मक विचारों से बचने के उपाय

Vastu tips for Negative Energy: मन में नकारात्मक विचार आने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से ग्रह दोष भी एक हो सकता है. ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि ग्रहों की स्थिति और उनके दोष व्यक्ति के विचारों और भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं.

Updated on: 12 Mar 2024, 04:57 PM

नई दिल्ली :

Vastu tips for Negative Energy: मन में नकारात्मक विचार आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें ग्रहदोष एक हो सकता है. ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि ग्रहों की स्थिति और उनके दोष मनुष्य के विचारों और भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं. विशेष रूप से, ग्रहों के प्रभाव के कारण मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं. ज्योतिष के अनुसार, शनि और राहु के दोषों के कारण मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं. शनि दोष और राहु के दोष में मनुष्य के जीवन में उदासीनता, निराशा, असमंजस, और अविश्वास के भाव उत्पन्न हो सकते हैं. ये ग्रहों के अशुभ प्रभाव मन में नकारात्मक विचारों को उत्पन्न कर सकते हैं और व्यक्ति के जीवन में अवसाद और उदासीनता का कारण बन सकते हैं. आपको ऐसा लगता है कि ग्रहदोष के कारण आपके मन में नकारात्मक विचार आ रहे हैं, तो आपको एक अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेना चाहिए. वे आपको सही मार्गदर्शन और समाधान प्रदान कर सकते हैं जिससे आपके जीवन में सकारात्मकता और स्थिरता का विकास हो सके. 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मन में नकारात्मक विचार कई ग्रहदोषों के कारण आ सकते हैं:

1. राहु: राहु को अशुभ ग्रह माना जाता है और यह नकारात्मक विचारों, भ्रम, और भय का कारण बन सकता है. जब राहु किसी व्यक्ति की कुंडली में कमजोर होता है, तो वह नकारात्मक विचारों से घिरा रह सकता है.

2. शनि: शनि को कर्म का ग्रह माना जाता है और यह व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देता है. जब शनि कमजोर होता है, तो व्यक्ति नकारात्मक विचारों से घिरा रह सकता है, उदास और निराश महसूस कर सकता है.

3. चंद्रमा: चंद्रमा को मन का ग्रह माना जाता है और यह व्यक्ति के भावनाओं को नियंत्रित करता है. जब चंद्रमा कमजोर होता है, तो व्यक्ति नकारात्मक विचारों, चिंता और अवसाद से ग्रस्त हो सकता है.

4. मंगल: मंगल को क्रोध का ग्रह माना जाता है और यह व्यक्ति में क्रोध, आक्रामकता और नकारात्मक विचारों का कारण बन सकता है. जब मंगल कमजोर होता है, तो व्यक्ति नकारात्मक विचारों से घिरा रह सकता है और जल्दी गुस्सा हो सकता है.

5. सूर्य: सूर्य को आत्मा का ग्रह माना जाता है और यह व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को नियंत्रित करता है. जब सूर्य कमजोर होता है, तो व्यक्ति नकारात्मक विचारों से घिरा रह सकता है, कम आत्मविश्वास महसूस कर सकता है.

इन ग्रहदोषों के अलावा, कुछ अन्य कारण भी हैं जो नकारात्मक विचारों का कारण बन सकते हैं:

तनाव: तनाव नकारात्मक विचारों का एक प्रमुख कारण है. जब व्यक्ति तनाव में होता है, तो वह नकारात्मक विचारों से घिरा रह सकता है.
अवसाद: अवसाद एक मानसिक बीमारी है जो नकारात्मक विचारों का कारण बन सकती है.
चिंता: चिंता एक मानसिक बीमारी है जो नकारात्मक विचारों का कारण बन सकती है.
आघात: किसी आघात का अनुभव करने से व्यक्ति नकारात्मक विचारों से घिरा रह सकता है.

अगर आप नकारात्मक विचारों से परेशान हैं, तो आपको डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक से सलाह लेनी चाहिए. इसके अलावा कुछ उपाय भी हैं जो आपको नकारात्मक विचारों से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं:

ध्यान: ध्यान नकारात्मक विचारों को शांत करने और मन को शांत करने का एक शानदार तरीका है.
योग: योग नकारात्मक विचारों को कम करने और तनाव को कम करने का एक शानदार तरीका है.
सकारात्मक सोच: सकारात्मक सोच नकारात्मक विचारों को दूर करने का एक शानदार तरीका है.
स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ जीवनशैली नकारात्मक विचारों को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)