Vastu Tips For Basement: घर में बेसमेंट होने का धार्मिक प्रभाव समृद्धि, सुरक्षा और स्थिरता के साथ जुड़ा होता है. धार्मिक दृष्टिकोण से, बेसमेंट घर में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है जो आत्मा की सुरक्षा और स्थिति के लिए भी महत्वपूर्ण होता है. बेसमेंट घर में वास्तुदोषों को नियंत्रित करने में मदद करता है और घर की ऊर्जा को संतुलित रखने में सहायक होता है. यह एक स्थिर और सुखद जीवन जीने का स्थान प्रदान करता है और परिवार के सदस्यों को धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए समय और स्थान प्रदान करता है. धार्मिक दृष्टिकोण से, बेसमेंट में पूजा और ध्यान के लिए स्थान बनाना महत्वपूर्ण होता है. इसके अलावा, बेसमेंट को धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए समर्पित किया जा सकता है जैसे कि सत्संग और धार्मिक सभाएं आयोजित करने के लिए. सार्वजनिक धार्मिक कार्यों को बेसमेंट में आयोजित किया जा सकता है जो समाज के उत्थान और अध्यात्मिक संदेश को प्रोत्साहित करता है. इसके अलावा, बेसमेंट को धार्मिक गतिविधियों के लिए स्थान बनाना घर के सामूहिक आनंद और संगठन को बढ़ावा देता है.
दिशा: बेसमेंट के लिए सबसे अच्छी दिशा दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम या उत्तर-पश्चिम है. बेसमेंट को कभी भी ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में नहीं बनाना चाहिए.
प्रवेश द्वार: बेसमेंट का प्रवेश द्वार दक्षिण, पश्चिम या उत्तर दिशा में होना चाहिए. प्रवेश द्वार को कभी भी ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) या आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में नहीं बनाना चाहिए.
सीढ़ियाँ: बेसमेंट की सीढ़ियाँ घुमावदार होनी चाहिए और दक्षिण, पश्चिम या उत्तर दिशा में होनी चाहिए. सीढ़ियाँ को कभी भी ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) या आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में नहीं बनाना चाहिए.
खिड़कियाँ: बेसमेंट में खिड़कियाँ होनी चाहिए ताकि प्राकृतिक प्रकाश और हवा अंदर आ सके. खिड़कियाँ दक्षिण, पश्चिम या उत्तर दिशा में होनी चाहिए. खिड़कियाँ को कभी भी ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) या आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में नहीं बनाना चाहिए.
रंग: बेसमेंट के लिए हल्के रंगों का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि सफेद, क्रीम या हल्का नीला. गहरे रंगों का उपयोग नहीं करना चाहिए, जैसे कि काला, भूरा या लाल.
फर्नीचर: बेसमेंट में भारी फर्नीचर का उपयोग नहीं करना चाहिए. हल्के और कम जगह घेरने वाले फर्नीचर का उपयोग करना चाहिए.
सजावट: बेसमेंट में प्राकृतिक पौधों और फूलों का उपयोग करना चाहिए. कृत्रिम पौधों और फूलों का उपयोग नहीं करना चाहिए.
इन टिप्स का पालन करके आप अपने बेसमेंट को वास्तु के अनुसार बना सकते हैं. इस जगह को हमेशा साफ और सुव्यवस्थित रखना चाहिए. नकारात्मक ऊर्जा को नहीं आने देना चाहिए. बेसमेंट में नियमित रूप से पूजा-पाठ करना चाहिए. वास्तु के अनुसार बेसमेंट बनाते हैं तो इससे घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी, स्वास्थ्य में सुधार, मन में शांति और सफलता में वृद्धि होगी
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau