Vastu Tips: वास्तव में, वास्तुशास्त्र में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है कि घर में पुराने जूते या चप्पल रखने से वास्तु दोष होता है. यह एक पुराना मिथक है और किसी भी वैज्ञानिक आधार पर स्थापित नहीं है. वास्तुशास्त्र में घर की बाहरी और आंतरिक व्यवस्था, सामंजस्य, और ऊर्जा वितरण के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित होता है, लेकिन इसमें किसी वस्तु के प्राचीन या नए होने का कोई विशेष महत्व नहीं है. अतः, पुराने जूते या चप्पलों को घर में रखने से कोई वास्तु दोष नहीं होता है. आप अपनी जगह पर उन्हें रख सकते हैं या उन्हें फिर से पुनः उपयोग कर सकते हैं बिना किसी चिंता के.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रखे पुराने जूते-चप्पल वास्तु दोष पैदा कर सकते हैं. यहाँ कुछ कारण दिए गए हैं:
नकारात्मक ऊर्जा: पुराने जूते-चप्पल नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं, जो घर में तनाव, कलह और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं.
रुकावट: पुराने जूते-चप्पल ऊर्जा के प्रवाह को बाधित करते हैं, जिससे जीवन के विभिन्न पहलुओं में रुकावट आ सकती है, जैसे कि करियर, रिश्ते और धन.
अव्यवस्था: पुराने जूते-चप्पल घर में अव्यवस्था पैदा करते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
वास्तु नियमों का उल्लंघन: वास्तु शास्त्र के अनुसार, जूते-चप्पल को हमेशा घर के बाहर या एक निर्दिष्ट स्थान पर रखना चाहिए. उन्हें कभी भी पूजा कक्ष, रसोई या शयनकक्ष में नहीं रखना चाहिए.
पुराने जूते-चप्पल कब फेंकें: जब वे खराब हो जाएं या टूट जाएं,जब आप उनका उपयोग नहीं करते हैं, जब वे आपको पसंद नहीं आते हैं, जब वे नकारात्मक ऊर्जा से भरे हुए हों,
पुराने जूते-चप्पल का निपटान कैसे करें: उन्हें दान में दें, उन्हें रीसायकल करें, उन्हें कूड़ेदान में फेंक दें
वास्तु दोष से बचने के लिए: जूते-चप्पल को हमेशा घर के बाहर या एक निर्दिष्ट स्थान पर रखें, उन्हें नियमित रूप से साफ करें, पुराने जूते-चप्पल को जल्द से जल्द फेंक दें, घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करें. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वास्तु शास्त्र एक ज्योतिषीय शास्त्र है और इसके नियमों का पालन करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यदि आप घर में रखे पुराने जूते-चप्पल से वास्तु दोष से बचना चाहते हैं, तो उपरोक्त सुझावों का पालन करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau