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Vastu Tips: घर में भूलकर भी ना रखें ये 6 चीजें, नहीं तो बीमारियां घेर लेंगी आपको

वास्तुशास्त्र में घर में चीजें रखने के बारे में भी टिप्‍स दिए गए हैं. वास्‍तु के अनुसार, चीजों को सही जगह रखने से घर में सकारात्‍मक ऊर्जा आती है और नकारात्‍मक ऊर्जा का नाश होता है.

Updated on: 22 Oct 2020, 05:11 PM

नई दिल्ली:

वास्तुशास्त्र में घर में चीजें रखने के बारे में भी टिप्‍स दिए गए हैं. वास्‍तु के अनुसार, चीजों को सही जगह रखने से घर में सकारात्‍मक ऊर्जा आती है और नकारात्‍मक ऊर्जा का नाश होता है. वहीं घर में वास्‍तु के अनुसार चीजें व्‍यवस्‍थित ढंग से न रखे जाने से वास्तु दोष हो सकता है और आप कई तरह की परेशानियों में घिर सकते हैं. वास्तु के अनुसार, घर में कुछ चीजें तो रखनी ही नहीं चाहिए, अन्‍यथा आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है. जानें वो कौन सी 6 चीजें हैं जो घर में नहीं रखनी चाहिए.

खंडित मूर्ति : वास्तुशास्‍त्र के अनुसार खंडित मूर्ति को घर में नहीं रखना चाहिए. इससे वास्‍तु दोष होता है. खंडित मूर्ति रखने से बीमारियां घर को अपना अड्डा बना लेती हैं. अगर आपके घर में देवी-देवताओं की खंडित तस्वीरें या मूर्तियां हैं तो तुरंत हटा दें.

टूटा डस्टबिन : वास्तु के अनुसार, घर में कभी भी टूटा डस्टबिन ना रखें. जिन घरों में टूटी-फूटी डस्टबिन होती है, उस घर में कोई न कोई बीमारी अकसर होती रहती है और घर के अधिकांश सदस्‍य अकसर बीमार पड़े रहते हैं.

टूटा-फूटा सामान : वास्तु शास्‍त्र कहता है कि घर में कोई भी टूटा-फूटा सामान न रखें, इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. इसका असर यह होता है कि घर वालों की सेहत बिगड़ती रहती है. इसलिए कोई भी टूटा सामान घर में हो तो तत्‍काल बाहर फेंक दें. किचन में भी टूटे-फूटे बर्तन या डिब्बे हों तो हटा दें.

सूखे पौधे : वास्‍तु शास्‍त्र कहता है कि घर में सूखे या कांटेदार पौधे ना रखें. सूखे या कांटेदार पौधे लगाने से घर के बुजुर्ग सदस्यों पर असर पड़ता है और उनकी सेहत अकसर बिगड़ी ही रहती है.

पुराने अखबार : फटी किताबें या पुराने अखबार रखने से वास्‍तु दोष होता है. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है और घर में अकसर लोग शारीरिक या मानसिक रूप से परेशान रहते हैं. अगर आपके घर में भी फटी-पुरानी किताबे हैं तो उन्हें हटा दें या किसी जरूरतमंद को दे दें. 

मुख्य द्वार के सामने मंदिर : घर के मुख्‍य द्वार के सामने आपके घर का मंदिर नहीं होना चाहिए. ऐसा होने से देवी-देवताओं का वास नहीं होता और घरवाले अकसर बीमार पड़े रहते हैं.