Vaishakh Rohini Vrat 2022: जीवन में सुख समृद्धि और वैभवता प्रदान करने वाले वैशाख रोहिणी व्रत का जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
हिन्दू धर्म के साथ साथ जैन धर्मावलम्बियों के लिए भी वैशाख रोहिणी व्रत का बहुत महत्व है. इस बार यह व्रत 3 मई, यानी कि मंगलवार के दिन पड़ रहा है. वैशाख माह के इस रोहिणी व्रत की सबसे अद्भुत बात है इस बार इस तिथि पर बनने वाला दुर्लभ संयोग.
नई दिल्ली :
Vaishakh Rohini Vrat 2022: वैशाख का अत्यंत शुभ व्रत 'रोहिणी व्रत' बस आने को ही है. इस बार यह व्रत 3 मई, यानी कि मंगलवार के रखा जाएगा. हिन्दू धर्म के साथ साथ जैन धर्मावलम्बियों के लिए भी वैशाख रोहिणी व्रत का बहुत महत्व है. खास तौर पर रोहिणी व्रत जैन समुदाय के लोगों में बहुत ही हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है. यूं तो यह व्रत प्रत्येक महीने में आता है लेकिन वैशाख और कार्तिक माह में आने वाले रोहिणी व्रत का महत्व बेहद ही अलग है और इन दोनों माह में रखे जाने वाले इस व्रत का फल भी दोगुना मिलता है. वहीं, वैशाख माह के इस रोहिणी व्रत की सबसे अद्भुत बात है इस बार इस तिथि पर बनने वाला दुर्लभ संयोग. इस संयोग में रखा गया व्रत न सिर्फ जीवन में खुशहाली और वैभवता लाता है बल्कि समाज में मान सम्मान और औदा बढ़ाने में भी अत्यंत लाभदायक है. ऐसे में चलिए जानते हैं वैशाख रोहिणी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व.
यह भी पढ़ें: Naminath Bhagwan Aarti: नमिनाथ भगवान की रोजाना करेंगे ये आरती, ऊर्जा का होगा संचार और होगी उन्नति
रोहिणी व्रत क्यों कहते है?
वैशाख रोहिणी व्रत को पुरुष और महिला दोनों के द्वारा रखा जाता है. रोहिणी व्रत, रोहिणी नक्षत्र के दिन मनाया जाता है. इसी लिए इस व्रत को रोहिणी व्रत कहते हैं. रोहिणी व्रत का पारण रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने और मार्गशीर्ष नक्षत्र के शुरू होने पर किया जाता है.
वैशाख रोहिणी व्रत 2022 शुभ मुहूर्त
वैशाख मास का रोहिणी व्रत 03 मई 2022 दिन मंगलवार को रखा जाएगा.
रोहिणी व्रत प्रारंभ: 03 मई 2022 पूर्वाह्न 00:34 बजे
रोहिणी व्रत का समापन: 04 मई 2022 पूर्वाह्न 03:18 बजे
रोहिणी व्रत पूजा विधि
- रोहिणी व्रत करने वाले को सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की सफाई करें.
- उसके बाद नित्य कर्म से निवृत होकर, स्नानादि पानी में गंगा जल मिलाकर करें.
- उसके बाद व्रत का संकल्प लें. अब सूर्य भगवान को जल का अर्घ्य दें.
- व्रतधारी सूर्यास्त के पहले फलाहार कर लें, क्योंकि सूर्यास्त के बाद किसी प्रकार का भोजन करना रोहिणी व्रत में वर्जित होता है.
रोहिणी व्रत का महत्व
ऐसी मान्यता है कि रोहिणी व्रत करने से व्रती को कर्म-बंधन से छुटकारा मिलता है. इस व्रत का विशेष फल प्राप्त होता है. रोहिणी व्रत से आत्मा का विकार दूर होता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य