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Sadhvi Harsha Richhariya Photograph: (News Nation)
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Sadhvi Harsha Richhariya: महाकुंभ 2025 का चौथा दिन आज है. साध्वी ने नाम से प्रसिद्ध हो रही हर्षा रिछारिया असल में साध्वी हैं भी या नहीं. लोग उन्हें सोशल मीडिया पर क्यों ट्रोल कर रहे हैं और उनके जीवन का क्या उद्देश्य है, उनके गुरू कौन हैं और उनकी शादी को लेकर उनके माता-पिता का क्या कहना है आइए जानते हैं.
Sadhvi Harsha Richhariya Photograph: (News Nation)
Sadhvi Harsha Richhariya: इन दिनों महाकुंभ 2025 में वायरल साध्वी हर्षा रिछारिया छायी हुई हैं. उनके वीडियो, फोटो और बयान खूब सुर्खियां बटौर रहे हैं. लेकिन आज न्यूज नेशन पर हम आपको हर्षा रिछारिया से जुड़े कुछ अनछुए पहलुओं के बारे में बताने जा रहे हैं. लोग उन्हें साध्वी कह रहे हैं, लेकिन क्या वो सच में साध्वी हैं. इंटरनेट पर लोग उन्हें जमकर ट्रोल भी कर रहे हैं. उनके माता-पिता ये सब देखकर दुखी हैं. ऐसे मे साध्वी हर्षा रिछारिया के नाम से प्रसिद्ध हो रही इन देवी का ये वेश क्या सिर्फ फैशन है या फिर वो सन्यास ले चुकी हैं आइए जानते हैं.
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र से आने वाली साध्वी हर्षा रिछारिया महाकुंभ 2025 में अपनी खूबसूरती के साथ अपने आध्यात्मिक ज्ञान के लिए प्रसिद्ध हो रही हैं. हर्षा का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था. मीडिया में आई जानकारी से अनुसार उनकी माता एक बुटीक चलाती हैं. बचपन से ही धर्म और समाजसेवा के प्रति उनका गहरा झुकाव था. BBA जैसी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने अध्यात्म की ओर रुख किया और अपने गुरु से मंत्र दीक्षा ली.
साध्वी हर्षा रिछारिया के गुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी (Swami Kailashanand Giri Ji) महाराज हैं, जो निरंजनी अखाड़े से जुड़े एक प्रतिष्ठित संत हैं. स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज अपने तप और विद्वता के लिए प्रसिद्ध हैं और निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के रूप में अनेक साधु-संतों का मार्गदर्शन करते हैं. हर्षा रिछारिया ने स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज से गुरु दीक्षा और मंत्र दीक्षा प्राप्त की है, लेकिन उन्होंने अभी पूर्ण रूप से साध्वी बनने के लिए आवश्यक सभी संस्कार नहीं किए हैं.
साध्वी के नाम से प्रसिद्ध हो रही हर्षा रिछारिया को आध्यात्मिक यात्रा और गुरु-शिष्य संबंध ने धार्मिक समुदाय में विशेष पहचान दिलाई है. हर्षा रिछारिया का कहना है कि वे आध्यात्म, सनातन धर्म, और संस्कृति से जुड़कर युवाओं के साथ काम करने की योजना बना रही हैं जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके. उनकी इस दिशा में सक्रियता और उनके गुरु का मार्गदर्शन उन्हें इस मार्ग पर आगे बढ़ने में सहायता प्रदान कर रहा है.
महाकुंभ 2025 में जब से हर्षा रिछारिया (Harsha Richhariya) इस साध्वी वेश में नजर आयी हैं तब से सभी उन्हें साध्वी हर्षा रिछारिया के नाम से पुकार रहे हैं. लेकिन असल में हर्षा ने सिर्फ मंत्र दीक्षा और गुरु दीक्षा ही प्राप्त की है. ऐसे में उन्हें साध्वी कहना गलत होगा. हालांकि अपनी बेटी को साध्वी के वेश में देखकर उनकी माता भावुक हैं. लेकिन उनके पिता का कहना है कि जिस तरह से उनकी बेटी को इंटरनेट पर साध्वी के नाम से लोग ट्रोल कर रहे हैं वो उससे बेहद दुखी हैं.
हर्षा रिछारिया (Harsha Richhariya) के माता-पिता अपनी बेटी की शादी करवाना चाहते हैं उन्होने दो लड़के भी उनके लिए देखे हैं. मीडिया में हुई बातचीत में उनके पिता ने बताया कि एक लड़का देहरादून में देखा है और दूसरा लड़का उन्होने नासिक में देखा है. अपनी बेटी से उनकी मुलाकात करवाकर वो ये जानेंगे कि उसकी पसंद क्या है.
हर्षा रिछारिया के माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटी की बचपन से ही अध्यात्म में रुचि रही है. वो साल 2004 में उज्जैन कुंभ में जब आस्था की डुबकी लगाने पहुंची थी, तो वहां एक पुलिसकर्मी ने उन्हें स्नान करने से रोक दिया था. तब उन्होंने (Harsha Richhariya) ये ठान लिया था और कहा था कि एक दिन वो कुंभ में हाथी पर बैठकर जाएंगी. आज उनका ये सपना सच होता देखकर उनके माता-पिता भावुक हैं.