Tulsi Mala Niyam in Hindi: तुलसी को सनातन धर्म में माता का स्थान दिया गया है. ना केवल औषधि की तरह बल्कि धार्मिक दृष्टि में तुलसी को बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है. तुलसी के अनेकों फायदे हैं. तुलसी की माला धारण करने से मन को बेहद शांति मिलती है. भगवान कृष्ण और विष्णु जी के भक्त तुलसी की माला धारण करते हैं. लेकिन तुलसी की माला धारण करने के कुछ नियम भी होते हैं. अगर कोई व्यक्ति नियमों का पालन करते हुए तुलसी माला धारण करें तो उसके जीवन में सदा कृपा बरसती रहती है. ऐसे में आइए जानते हैं तुलसी माला धारण करने के सही नियम.
तुलसी माला धारण करने वाले लोग इन चीजों का करें त्याग
तुलसी की माला को बहुत ही पवित्र माना जाता है. इसलिए इसकी पवित्रता को हमेशा बनाए रखना चाहिए. तुलसी माला धारण करने के बाद मास-मछली और मदिरा-पान आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे तुलसी की शुद्धता भंग होती है. जो लोग तुलसी माला धारण करना चाहते हैं, उन्हें इन बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए.
श्रीकृष्ण या विष्णु भक्त करें धारण
तुलसी माला भले ही आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण मानी जाती है. लेकिन इसे हर किसी को धारण नहीं करना चाहिए. दरअसल केवल कृष्ण और विष्णु भक्त ही तुलसी माला को धारण कर सकते हैं. शिव भक्त अगर तुलसी माला धारण करें तो ये अनुचित माना जाता है. शिव भक्तों को रुद्राक्ष की माला धारण करनी चाहिए.
इन दिनों माला धारण करना माना जाता है शुभ
तुलसी माता को लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है. इसलिए इसे धारण करने के लिए कुछ विशेष दिनों का भी चुनाव किया गया है. तुलसी माला को हमेशा सोमवार, बुधवार या बृहस्पति वार को ही धारण करना चाहिए. वहीं इसे गलती से भी रविवार या अमावस्या के दिन धारण न करें. ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है.
तामसिक विचारों से बनाए दूरी
तुलसी माला को धारण मात्र कर लेने से कोई फायदा नहीं होता. बल्कि तुलसी माला धारण करने के बाद लोगों को अपने मन की गंदगी का भी त्याग कर देना चाहिए. जो लोग तुलसी माला धारण करते हैं उन्हें तामसिक विचारों से दूरी बनानी चाहिए और हमेशा भगवान का स्मरण करना चाहिए. इसलिए जो व्यक्ति नियमानुसार तुलसी माला धारण करता है उसके जीवन में हमेशा कृपा बनी रहती है और उसे पापों से मुक्ति मिलती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)