मध्य प्रदेश: शिवपुरी में 13 साल की उत्सवी सीवर में गिरी , मिला शव
फादर्स डे पर नेहा धूपिया का इमोशनल पोस्ट, पापा और अंगद बेदी को बताया अपना सबसे बड़ा सहारा
Unmukt Chand: उनमुक्त चंद का मेजर लीग क्रिकेट में धमाल, महज इतनी गेंदों में ठोका ताबड़तोड़ अर्धशतक
बेहतर ब्लड सर्कुलेशन और चमकती त्वचा के लिए करें त्रिकोणासन, जानें अभ्यास का सही तरीका
कानपुर में तेज रफ्तार इलेक्ट्रिक कार का कहर, कई लोग घायल
पापा और बच्चों का खूबसूरत रिश्ता दिखाती हैं ये बॉलीवुड फिल्में, Father's Day पर जरूर देखें
वाराणसी में योग सप्ताह का भव्य शुभारंभ, 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' का संदेश
गाजियाबाद: पुलिस मुठभेड़ के बाद दो बदमाश गिरफ्तार, लूट के 7.5 लाख रुपये बरामद
सुशांत सिंह राजपूत की याद में अंकिता लोखंडे ने किया कुछ ऐसा, देख भर आईं फैंस की आंखें

आज की चाणक्य नीति : जानिए चाणक्य की नजर में कैसे व्यक्ति होते हैं बुद्धिमान

. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरीए पाप-पुण्य, कर्तव्य और अधर्म-धर्म के बारें में बताया है इनकी नीतियों के जरीए व्यक्ति अपने जीवन को बेहतरीन बना सकता हैं. आचार्य चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माने जाते हैं.

. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरीए पाप-पुण्य, कर्तव्य और अधर्म-धर्म के बारें में बताया है इनकी नीतियों के जरीए व्यक्ति अपने जीवन को बेहतरीन बना सकता हैं. आचार्य चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माने जाते हैं.

author-image
Avinash Prabhakar
New Update
cha

प्रतीकात्मक तस्वीर ( Photo Credit : File)

अगर किसी व्यक्ति को जीवन में सफल और सुखी रहना है तो उसे चाणक्य नीति को अपनाना चाहिए. आचार्य चाणक्य की नीतियां बेहद कठोर मानी जाती है लेकिन ये जीवन की सच्चाई होती है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरीए पाप-पुण्य, कर्तव्य और अधर्म-धर्म के बारें में बताया है इनकी नीतियों के जरीए व्यक्ति अपने जीवन को बेहतरीन बना सकता हैं. आचार्य चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माने जाते हैं. चाणक्य ने अपने ज्ञान और अनुभव से जो कुछ भी जाना और समझा उसे अपनी चाणक्य नीति में दर्ज किया. चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक मानी जाती है.

Advertisment

चाणक्य ने संकट से निपटने के लिए जरूरी बातें अपनी चाणक्य नीति में बताई हैं. चाणक्य के अनुसार संकट के समय ही व्यक्ति की असली परीक्षा होती है. व्यक्ति कितना योग्य है इसका पता संकट के समय ही लगता है. यही नहीं कौन अपना है और कौन पराया है इसका भी पता संकट के समय ही लगता है. संकट से बचने के लिए चाणक्य की चाणक्य नीति क्या कहती हैं आइए जानते हैं-

आपदर्थे धनं रक्षेच्छ्रीमतां कुत आपद:।
कदाचिच्चलिता लक्ष्मी: सञ्चितोऽपि विनश्यति।।

चाणक्य नीति के इस श्लोक का अर्थ यह है कि व्यक्ति को कठिन समय से बाहर निकलने के लिए धन का संचय करना चाहिए, क्योंकि धन की देवी यानी लक्ष्मी जी का स्वभाव बहुत ही चंचल है. एक समय ऐसा आता है कि जमा किया हुआ धन भी नष्ट हो जाता है. धन का संचय करना व्यक्ति की समझदारी का परिचायक है. इस बारे में व्यक्ति को गंभीर रहना चाहिए.

आचार्य चाणक्य का मानना था कि संकट के समय स्वार्थी लोग साथ छोड़ जाते हैं. संकट के समय ही अपने और पराए की पहचान होती है. संकट के समय धन ही सच्चा मित्र होता है. इसलिए धन की बचत करनी चाहिए क्योंकि यही मुसीबत के समय काम आता है. चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य अगर स्वस्थ है तो वो हर मुकाम हासिल कर सकता है.  यही वजह है कि हर किसी को सबसे पहले अपने सेहत पर ध्यान देना चाहिए. आचार्य चाणक्य ने अपने कुछ श्लोक के जरीए लोगों को बताया है कि किस तरह का भोजन इंसान को सेहतमंद रख सकता है. 

Source : News Nation Bureau

Chanakya Niti for Today Chanakya Niti for life Chanakya Quotes Todays Chanakya niti
      
Advertisment