विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ सहस्त्रधारा में अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ स्नान करने के बाद बीमार पड़ गए है। उन्हें बुखार हो गया है, जिसका अगले 15 दिन तक इलाज चलेगा।
इस दौरान मंदिर के कपाट बंद रहेंगे और पूजा-पाठ नहीं होगी। मंदिर में केवल भगवान के खाने के लिए कुछ सामान रखा जाएगा। अगले 15 दिन तक एकांत वास में ही रहेंगे।
इस साल 14 जुलाई से शुरू होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा के ठीक एक दिन पहले भगवान के मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। जगन्नाथ रथ उत्सव आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया से आरंभ करके शुक्ल एकादशी तक मनाया जाता है।
गुरुवार को हुई स्नान यात्रा प्रभु की पहली यात्रा मानी जाती है। इस दौरान उन्हें मंदिर के भीतर बने गोल्डन कुएं के पानी से 108 कुएं भरकर स्नान कराया जाता है।
जिसमें 35 घड़े भगवान जगन्नाथ, बलभद्र को 33 और सुभद्रा को 22 और सुदर्शन को 18 घड़ों के पानी से स्नान कराते है।
इस मौके दूर-देश भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचते है। कहा जाता है भगवान जगन्नाथ के स्नान पूर्णिमा में शामिल होने से सारे पाप धुल जाते है।
बताया जाता है कि ठीक होने के बाद भगवान अपेन भाई बहन के साथ मौसी के घर जाते है। जिसे ही रथ यात्रा कहा जाता है।
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Source : News Nation Bureau