डोली में बैठ कर होगा माँ दुर्गा का आगमन, सुबह करें ये शुभ 3 काम
अगर नवरात्र की शुरुआत बुधवार से हो रही है तो देवी मां नाव में आती हैं. अगर गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्र शुरू होता है तो माता डोली में सवार होकर आती हैं. बता दें की इस बार माँ दुर्गा का आगमन गुरूवार को हो रहा है.
New Delhi:
अगर नवरात्र की शुरुआत बुधवार से हो रही है तो देवी मां नाव में आती हैं. अगर गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्र शुरू होता है तो माता डोली में सवार होकर आती हैं. बता दें की इस बार माँ दुर्गा का आगमन गुरूवार को हो रहा है. यानी की माँ दुर्गा इस बार डोली में बैठ कर आएँगी. अश्विन मास की नवरात्र गुरुवार, 7 अक्टूबर से शुरू हो रही है. इस बार दुर्गा पूजा 8 दिन की रहेगी और 15 ओक्टूबर को नवमी के साथ समाप्त हो जायेगी. माता का आगमन डोली में होगा और प्रस्थान भी डोली में ही होगा. इस वाहन का संदेश ये है कि देवी मां की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होंगी और देश-दुनिया की अशांति खत्म होगी, व्यापार बढ़ेगा और लोगों को सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी. इसलिए माता का आवाहन, पूजन और विसर्जन, ये तीनों शुभ काम सुबह ही करना चहिए.
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इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 07 अक्टूबर दिन गुरुवार को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से हो रहा है. इस दिन ही कलश स्थापना होगी और मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. जिन लोगों को नौ दिन व्रत रखना होगा, वे कलश स्थापना के साथ नवरात्रि व्रत एवं मां दुर्गा की पूजा का संकल्प लेंगे. जो लोग एक दिन का नवरात्रि व्रत रहेंगे, वो अगले दिन व्रत का पारण कर लेंगे और फिर दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखेंगे और फिर कन्या पूजन करेंगे. प्रतिपदा से नवमी तक भक्त को अंदर-बाहर से शुद्धि रखकर देवी मां का पूजन करना चाहिए. भक्त को अंदर से शुद्धि रखनी चाहिए, बुरे विचारों का त्याग कर देना चाहिए. बाहर से शुद्धि यानी अधार्मिक कर्मों से बचें और धर्म के अनुसार काम करें. श्रीदुर्गााशप्तसती का पाठ करें, नवरात्र का व्रत करने वाले भक्त शुद्ध और संयमित रहेंगे, देवी पूजा जल्दी सफल हो सकती है.
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नवरात्र के दिनों में देवी मां के प्राचीन मंदिरों में देवी दर्शन करने का काफी महत्व है. लेकिन एक बात का ध्यान ज़रूर रखे की दर्शन-पूजन करते समय कोरोना महामारी से संबंधित नियमों का पालन जरूर करें, सोशल डिस्टन्सिंग का पालन ज़रूर करे, मास्क पहने और आस पास साफ़ सफाई बनाये रखे.
नवरात्री कब से है शुरू -
नवरात्रि 1 दिन – 07 अक्टूबर – मां शैलपुत्री पूजा (घट-स्थापना)
नवरात्रि 2 दिन – 08 अक्टूबर – मां ब्रह्मचारिणी पूजा
नवरात्रि 3 दिन – 09 अक्टूबर – मां चंद्रघंटा पूजा
नवरात्रि 4 – 10 अक्टूबर – मां स्कंदमाता
नवरात्रि 5– 11 अक्टूबर – मां कात्यायनी
नवरात्रि 6- 12 अक्टूबर – मां कालरात्रि
नवरात्रि 7- 13 अक्टूबर – मां महागौरी
नवरात्रि 8-14 अक्टूबर – मां सिद्धिरात्रि
नवरात्रि 9- 15 अक्टूबर – नवरात्रि पारण/ दुर्गा विसर्जन, दशहरा
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