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Navratri 2021: नवरात्रि में पूजा के दौरान इन बातों को किया नजरअंदाज, मां हो सकती हैं नाराज

नवरात्रि के दिनों में मां अपने भक्तों की हर मुराद सुनती है. अगर सच्चे मन से मां के रूपों की पूजा की जाए तो मां भक्तों से काफी प्रसन्न होती है. साथ ही उन पर कृपा दृष्टि बरसाती हैं.

Updated on: 12 Oct 2021, 02:02 PM

highlights

  • नवरात्रि के दिनों में नवदुर्गा की पूजा-आराधना करने से मनचाहा फल मिलता है.
  • नवरात्रि के दौरान घर में जल रही माता की अखण्ड ज्योति से घर का माहौल काफी शांत और भक्तिमय हो जाता है.
  • नवरात्रि की पूजा में पंचदेव यानि की सूर्य, गणेश, शिव, दुर्गा और विष्णु का ध्यान जरूर करना चाहिए.

नई दिल्ली:

नवरात्रि बस खत्म होने को है. दशहरा आने को है. हिंदू धर्म में नवरात्रों का विशेष महत्व है. ये तो सभी जानते हैं. इस दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मान्यता ये भी है कि इन दिनों मां अपने भक्तों की हर मुराद सुनती है. अगर सच्चे मन से मां के रूपों की पूजा की जाए तो मां भक्तों से काफी प्रसन्न होती है. साथ ही उन पर कृपा दृष्टि बरसाती हैं. ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में नवदुर्गा की पूजा-आराधना करने से मां से मनचाहा फल मिलता है. नवरात्रि पूजन में मां नवरात्रि कथा, दुर्गा चालीसा, आरती और श्रीदुर्गा सप्तशती पाठ करने का भी विशेष महत्व होता है. इस पूजा को करने से घर के भीतर से सभी नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है. ये माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान घर में जल रही माता की अखण्ड ज्योति से घर का माहौल काफी शांत और भक्तिमय हो जाता है. हमारे हिंदू धर्मग्रंथों में नवरात्रि पूजन के दौरान कई विशेष नियमों का उल्लेख किया गया है. जिनका ध्यान इन दिनों जरूर रखना चाहिए. अगर इन विशेष नियमों का पालन नहीं किया जाता. तो मां रुष्ट हो जाती हैं. ऐसे में घर के भीतर कई दिक्कतें आ सकती हैं. तो आइए जानते हैं कि पूजा-पाठ करते समय नवरात्रि के दिनों किन नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

                                   

नवरात्रि की पूजा में पंचदेव यानि की सूर्य, गणेश, शिव, दुर्गा और विष्णु का ध्यान जरूर करना चाहिए. इसे करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है. पूजा के दौरान जिस आसन पर बैठते हैं. उसे पैरों से नहीं खिसकाना चाहिए. आसन को हटाने या खिसकाने के लिए हाथों का ही इस्तेमाल करना चाहिए. 

                                   

नवरात्रि में कभी भी खंडित दीपक नहीं जलाना चाहिए. क्योंकि ऐसा करना अशुभ माना जाता है. इससे देवी मां नाराज भी हो सकती है. साथ ही इस बात का भी पूरा ध्यान रहे कि दीपक बुझना नहीं चाहिए. अगर गलती से भी पूजा के बीच दीपक बुझ जाता है. तो भक्तों को पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है. दीपक को लेकर एक मान्यता और है. जो ये है कि अगर रोजाना घर के बाहर दीपक जलाया जाता है तो इससे घर के वास्तु दोष खत्म हो जाते है. दीपक को हमेशा देवी या भगवान की मूर्ति के ठीक सामने लगाना चाहिए. साथ ही घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती का ही इस्तेमाल करना चाहिए.  

                                     

बात अगर कपड़ों की करें तो मां दुर्गा को खुश करने के लिए लाल रंग का, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सफेद वस्त्र अर्पित करने चाहिए. सबसे जरूरी बात पूजा शुरू करने से पहले ही उस जगह की सफाई अच्छे से साफ कर लेना चाहिए. साथ ही इस बात का ध्यान रहे कि पूजा के टाइम पर चमड़े की बेल्ट या पर्स आपके आसपास नहीं होने चाहिए. इसे अशुभ माना गया है.  

                                     

नवरात्रि के दिन इस बात का खास तौर से ध्यान रखना चाहिए कि चावल खंडित नहीं होने चाहिए. पूजा के दौरान चावलों का विशेष महत्व होता है. इसलिए, मां के सामने चावल चढ़ाने से पहले से ही चावलों को पीला कर लेना चाहिए.