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The solution to the world problems lies in Sanatan philosophy Photograph: (News Nation)
Mahakumbh 2025: आज की दुनिया मजहबी कट्टरता और युद्धों की वजह से जूझ रही है. इज़रायल-लेबनान, रूस-यूक्रेन युद्ध और बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार जैसी घटनाएं मानवता के लिए गंभीर संकट बन चुकी हैं. ऐसे में महाकुंभ जो सनातन धर्म और उसके दर्शन का प्रतीक है दुनिया को शांति, सहिष्णुता और एकता का मार्ग दिखा सकता है. महाकुंभ का मूल संदेश "सर्वसिद्धिप्रद: कुंभ:" है. इसका अर्थ है कि कुंभ से सभी इच्छाएं और सिद्धियां पूर्ण होती हैं.
वसुधैव कुटुंबकम
सनातन धर्म (sanatan dharma) की अवधारणा "वसुधैव कुटुंबकम" यानी पूरी पृथ्वी को एक परिवार मानने की है, जो बताता है कि सभी धर्म, संप्रदाय, और संस्कृतियां एक-दूसरे की पूरक हैं, न कि विरोधी. महाकुंभ के दौरान कई संप्रदायों के साधु-संत एक साथ मिलकर दुनिया की मंगलकामना के लिए प्रार्थना करते हैं.
कट्टरता और हिंसा का समाधान
आज मजहबी कट्टरता दुनिया को अंधेरे में धकेल रही है. कई देश अपने विश्वास और जीवन पद्धति को दूसरों पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं, यही कारण है कि इससे संघर्ष बढ़ रहे हैं. महाकुंभ का संदेश इस समस्या का समाधान देना है. महाकुंभ (mahakumbh) किसी पर अपना विचार थोपने के बजाय हर व्यक्ति को अपनी आस्था और विश्वास पर चलने की स्वतंत्रता देता है.
दुनिया को सनातन धर्म से सीखने की जरूरत
सनातन धर्म यह सिखाता है कि हर व्यक्ति, संप्रदाय, और धर्म का सम्मान किया जाए. महाकुंभ ये दिखाता है कि कई विचारधाराएं कैसे सह-अस्तित्व में रह सकती हैं. आज जब विश्व में एकरूपता थोपने का आग्रह बढ़ता जा रहा है महाकुंभ का संदेश विविधता का सम्मान करने और सह-अस्तित्व के महत्व को स्थापित करता है. महाकुंभ, सनातन धर्म (sanatan dharma) के दर्शन और इसके मूलभूत संदेश, दुनिया के संकटों का समाधान हैं. अगर दुनिया महाकुंभ (mahakumbh 2025) के संदेश को आत्मसात करे तो ये कट्टरता और युद्धों से बचकर शांति और सह-अस्तित्व के मार्ग पर चल सकती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)