Thaipusam: भक्ति और तपस्या का पर्व है थाईपुसम, जानें भारत समेत और किन देशों में मनाया जाता है

Thaipusam Kyu Manate Hai: थाईपुसम एक भक्ति और तपस्या का पर्व है, जिसे दुनिया के कई देशों में बसे तमिल समुदाय द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. हर देश में इसकी अपनी अनूठी परंपराएं हैं.

Thaipusam Kyu Manate Hai: थाईपुसम एक भक्ति और तपस्या का पर्व है, जिसे दुनिया के कई देशों में बसे तमिल समुदाय द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. हर देश में इसकी अपनी अनूठी परंपराएं हैं.

author-image
Inna Khosla
एडिट
New Update
Thaipusam

Thaipusam Photograph: (News Nation)

Thaipusam: थाईपुसम विशेष रूप से तमिल समुदाय के लोग धूमधाम से मनाते हैं. यह त्योहार भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) की आराधना के लिए समर्पित है और तमिल कैलेंडर के अनुसार थाई महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. भगवान मुरुगन को शक्ति और साहस का देवता माना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन माता पार्वती ने भगवान मुरुगन को वेल (एक दिव्य भाला) प्रदान की थी, जिससे उन्होंने असुरों के राजा सूरापद्मन का वध किया था. इस दिन भक्त भगवान मुरुगन की कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास रखते हैं और कठोर तपस्या करते हैं.

Advertisment

त्योहार कैसे मनाया जाता है?

भक्त अपने कंधों पर एक विशेष प्रकार का लकड़ी या धातु का कावड़ी (Kavadi Attam) लेकर मंदिरों तक यात्रा करते हैं. कुछ भक्त भगवान मुरुगन की भक्ति में खुद को कष्ट देकर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अपने शरीर में कांटे, सुइयां, और हुक्स (hooks) चुभोते हैं. कुछ लोग मुरुगन मंदिरों में दर्शन के लिए लंबी पैदल यात्राएं करते हैं. भगवान को दूध चढ़ाकर आशीर्वाद मांगा जाता है.

प्रसिद्ध स्थल जहां यह पर्व मनाया जाता है

हर देश में इसकी अपनी अनूठी परंपराएं हैं. भारत के पालानी मुरुगन मंदिर, जो तमिलनाडु में है यहां इस त्योहार की सबसे ज्यादा धूम देखने को मिलती है. तिरुचेंदूर और स्वामीमलई में भी इस दिन बड़ी संख्या में लोग आते हैं. भारत के अलावा, अन्य देशों की बात करें तो मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका, बैंकॉक, इंडोनेशिया जैसे कुछ देशों में जहां तमिल समुदाय के लोग रहते हैं वहां भी इसे धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है. 

मलेशिया में थाईपुसम (Thaipusam) का सबसे बड़ा आयोजन होता है. मलेशिया की बातू गुफा (Batu Caves) में भक्त लगभग 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके आते हैं और भगवान मुरुगन की मूर्ति के दर्शन करते हैं. कई श्रद्धालु "कावड़ी" उठाकर और अपने शरीर में सुइयां व हुक चुभोकर भगवान की भक्ति प्रदर्शित करते हैं. यहां का मुरुगन मंदिर दुनिया के सबसे ऊंचे भगवान मुरुगन की प्रतिमा (42.7 मीटर) के लिए प्रसिद्ध है. 

सिंगापुर और श्रीलंका में रहने वाले तमिल समुदाय के लोग भी इसका भव्य आयोजन करते हैं. सिंगापुर के श्री श्रीनिवास पेरुमल मंदिर और श्री थेंदायुथपानी मंदिर में थाईपुसम बहुत भव्य तरीके से मनाया जाता है. श्रीलंका में थाईपुसम मुख्य रूप से जाफना, कोलंबो और कट्टिरगामा मंदिरों में मनाया जाता है. तमिल हिंदू समुदाय यहां भगवान मुरुगन की विशेष पूजा-अर्चना करता है. 

मॉरीशस में तमिल हिंदू समुदाय के लोग इसे पूरी श्रद्धा के साथ मनाते हैं. वे भगवान मुरुगन को कावड़ी अर्पित करते हैं और उपवास रखते हैं.

बैंकॉक और फुकेट में स्थित श्री मारीअम्मन मंदिर और अन्य हिंदू मंदिरों में थाईपुसम (Thaipusam) बड़े उत्साह से मनाया जाता है. 

इंडोनेशिया में विशेष रूप से बाली और मेडान में यह त्योहार मनाया जाता है. यहां तमिल हिंदू मंदिरों में भगवान मुरुगन की पूजा होती है और भक्त दूध चढ़ाते हैं.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Religion News in Hindi Thaipusam
      
Advertisment